मैन्यूफैक्चरिंग ही नहीं बढ़ा तो क्या बढ़ा!

सात दिन पहले सरकार का आखिरी अनुमान आया कि वित्त वर्ष 2022-23 में देश का जीडीपी 160.06 लाख करोड़ रुपए रहा है जो पिछले वित्त वर्ष 2021-22 के जीडीपी 149.26 लाख करोड़ रुपए से 7.2% ज्यादा है। तालियां बजती रहीं कि यह तो 7% के पिछले अनुमान को भी पार कर गई। लेकिन इसे कृषि की 4% और सेवा क्षेत्र की 9% विकास दर के दम पर हासिल किया गया है। मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र की विकास दर इस दौरान मात्र 1.3% रही है, जबकि साल भर पहले यह 11.1% रही थी। जीडीपी में 58.5% योगदान वाला निजी अंतिम खपत व्यय (पीएफसीआई) 7.5% बढ़ा है और इतने हल्ले के बावजूद जीडीपी में 9.9% का योगदान वाला सरकारी अंतिम खपत व्यय (जीएफसीआई) महज 0.1% बढ़ा है। अभी वर्तमान मूल्य पर हमारी प्रति व्यक्ति आय या जीडीपी 1,96,983 रुपए है। 82.59 रुपए की विनिमय दर पर यह 2385 डॉलर है, जबकि 2022 में जी-20 का अध्यक्ष रहे इंडोनेशिया की प्रति व्यक्ति आय इस समय 5020 डॉलर, ब्राज़ील की 9670 डॉलर और चीन की 13,720 डॉलर है। अब गुरुवार की दशा-दिशा…

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