आखिर भारत का सोया हुआ मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र कब जाएगा? हमारा देश अमेरिका, जापान व चीन के बाद कब दुनिया की फैक्टरी बनने जा रहा है? जीडीपी में मैन्यूफैक्चरिंग का हिस्सा अपने यहां 10-12 साल से 14-16% पर अटका हुआ है। वहीं, एशिया के अन्य देशों – बांग्लादेश में यह 21.2%, वियतनाम में 24.6%, दक्षिण कोरिया में 25.5%, थाईलैंड में 27% और चीन में 27.4% पर पहुंच चुका है। पहले हमारे यहां भी लक्ष्य था कि साल 2025 तक इसे 25% पर पहुंचा दिया जाएगा। लेकिन अब तो लगता है कि साल 2030 तक ही यह लक्ष्य हासिल किया जा पाएगा। फिर भी हमारे सामने घरेलू बाज़ार व रोज़गार ही नहीं, दुनिया को फतेह करने की चुनौती और अवसर है। साल 2022 में वैश्विक मैन्यूफैक्चरिंग में चीन का हिस्सा 31% था, जबकि भारत का मात्र 3% और वैश्विक माल निर्यात में चीन का हिस्सा 15% था, जबकि भारत का केवल 2% था। जाहिर है कि भारत के सामने दुनिया की नई फैक्टरी बनने की भरपूर गुंजाइश है। मगर कब तक ऐसा होगा? अब शुक्रवार का अभ्यास…
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