हमारे मौसम विभाग का तर्क है कि यकीनन अल-निनो की तलवार इस बार के मानसून के सिर पर अटकी है। लेकिन कुछ कारक उसके असर को निष्क्रिय कर सकते हैं। इसमें से एक प्रमुख कारक हिंद महासागर का डाइपोल (आईओडी) है। इसके अंतर्गत होगा यह कि अरब सागर में तापमान गरम थोड़ा रहेगा। इससे अगस्त से सितंबर तक भारत में नमी ज्यादा रहेगी और भरपूर बारिश होगी। इससे अल-निनो का असर काफी कम हो जाएगा। केंद्र सरकार का कहना है कि मानसून खराब भी रहा तो ज्यादा चिंता की बात नहीं है। देश में चावल का भंडार इस वक्त 433.80 लाख टन का है जो आवश्यक मानक का तीन गुना है। गेहूं का भंडार भी 83.50 लाख टन है जो छह साल का न्यूनतम स्तर होने के बावजूद 74.60 लाख टन के मानक से ज्यादा है। अब बुधवार की बुद्धि…
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