भले ही अमेरिका में आर्थिक सुस्ती और यूरोप में वित्तीय संकट का हल्ला हो, लेकिन जर्मन कार निर्माता कंपनी फोल्क्सवागेन (वीडब्ल्यू) ने बीते साल 2011 में साल भर पहले के मुकाबले 14 फीसदी ज्यादा कारें बेची हैं और 81.5 लाख से ज्यादा कारें बेचकर नया रिकॉर्ड बनाया है। उसने जापान की टोयोटा मोटर्स को पीछे छोड़ दिया।
असल में जापानी कार कंपनी टोयोटा के उत्पादन को सुनामी और फुकुशिमा परमाणु दुर्घटना की वजह से नुकसान हुआ। उसने 79 लाख कारें बेचीं, जबकि अमेरिकी कार कंपनी जनरल मोटर्स ने अभी तक अपनी बिक्री की रिपोर्ट नहीं दी है। वैसे, पहले 9 महीने की बिक्री के आधार पर अनुमान है कि उसने करीब 90 लाख कार बेची होंगी।
फोल्क्सवागेन भारत में भी पहुंच चुकी है। दास ऑटो के नाम से उसका विज्ञापन भी आपने जरूर देखा होगा। दास जर्मन शब्द है जो निर्जीव वस्तुओं के पीछे अंग्रेजी के द/दी शब्द की तरफ प्रयोग होता है। फोल्क्सवागेन का लक्ष्य 2018 तक एक करोड़ गाड़ियां बेचने और टोयोटा व जनरल मोटर्स को पीछे छोड़ देने का है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि फोल्स्कवागेन अभी ही दुनिया की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनी बन गई है, क्योंकि जनरल मोटर्स के आंकड़े में चीन के संयुक्त उद्यम में बनी गाड़ियां भी शामिल हैं।
फोल्क्सवागेन की इस सफलता में उसके लक्जरी ब्रांड आउडी का भी योगदान है। आउडी ने चीन और रूस में लक्जरी कारों की बढ़ती मांग के बीच 2011 में बिक्री का नया रिकॉर्ड बनाया है। इसके साथ वह लक्जरी सेगमेंट में अपने बड़े प्रतिद्वंद्वियों बीएमडब्ल्यू और मर्सिडीज बेंज के करीब पहुंच गया है। आउडी ने पिछले साल बिक्री में 19.2 फीसदी की वृद्धि हासिल की, जबकि बीएमडब्ल्यू की बिक्री में 12.8 फीसदी और मर्सिडीज बेंज की बिक्री में 8 फीसदी का इजाफा हुआ।