वोडाफोन समूह को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के चार घंटे के भीतर ही भारत सरकार के पास जमा कराए गए 2500 करोड़ रुपए वापस मिल गए। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कल, मंगलवार को सरकार की वह पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी जिसमें हचिसन एस्सार को वोडाफोन के खरीदने पर 2.2 अरब डॉलर (11,000 करोड़ रुपए) का टैक्स लगाने की मांग की गई थी।
वोडाफोन समूह के चीफ फाइनेंस अफसर (सीएफओ) एंडी हाफर्ड ने बुधवार को लंदन में समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग को दिए गए एक इंटरव्यू में बड़े गर्व से बताया, “कल का दिन बड़ा उत्साहजनक रहा। कोर्ट का फैसला आने के चार घंटे में हमें 2500 करोड़ रुपए वापस मिल गए। वे चाहते तो इसे टाल भी सकते थे।”
नोट करने की बात यह है कि वोडाफोन मामले से सबक लेते हुए वित्त मंत्री ने नए साल के वित्त विधेयक में आयकर कानून में संशोधन का प्रस्ताव किया है ताकि भारतीय कामकाज से जुड़े विदेश में होनेवाले विलय व अधिग्रहण के सौदों पर भी टैक्स लगाया जा सके। वित्त विधेयक 2012 में आयकर कानून में प्रस्तावित संशोधन 1 अप्रैल 1962 की पुरानी तिथि से प्रभावी होगा।
हाफर्ड ने उक्त इंटरव्यू में यह भी बताया कि अनिश्चितता के बीच भी वोडाफोन की भारतीय इकाई का आईपीओ लाने की योजना पर काम चल रहा है। विश्लेषकों ने वोडाफोन के भारतीय कारोबार का मूल्य 17.9 अरब डॉलर (करीब 9000 करोड़ रुपए) निकाला है।