अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का कहना है कि उनका देश अपना प्रतिस्पर्धी स्थान खो रहा है और भविष्य की नौकरियां भारत जैसे देशों के युवाओं के हाथ में होंगी, जहां शिक्षा क्षेत्र में भारी निवेश किया जा रहा है।
उन्होंने अमेरिका के लोवा शबर में आयोजित एक सार्वजनिक सभा में कहा, ‘‘आप देखिए चीन, भारत और ब्राजील जैसे देश शिक्षा प्रणाली और बुनियादी ढांचे में जमकर निवेश कर रहे हैं। कहां हम अव्वल होते थे, मसलन कॉलेज जाने वाले छात्रों की संख्या अमेरिका में सबसे ज्यादा होती थी, लेकिन हम अब 12वें पायदान पर चले गए हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वो तमाम चीजें जो हमें दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक देश बनाती थीं, आहिस्ता-आहिस्ता हमारे हाथ से फिसल रही हैं और हम अपना प्रतिस्पर्धी रवैया खो रहे हैं।’’ अपने बच्चों की शिक्षा पर बढ़-चढ़कर ध्यान देने के लिए भारत, चीन और ब्राजील की सराहना करते हुए ओबामा ने कहा कि अमेरिका को इन विकासशील देशों से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है और ‘देर-सबेर’ वे निर्यात के मामले में आगे निकल जाएंगे।