शेयर बाज़ार का निवेश लम्बे समय की ट्रेडिंग है और ट्रेडिंग छोटे समय का निवेश। अनुभवी लोग बताते हैं कि शेयर बाज़ार से वही कमाता है जो बराबर मुनाफा निकालता रहता है। इस अनिश्चितता से भरी दुनिया में कुछ भी पक्का नहीं। फिर शेयर बाज़ार तो अनिश्चितता से ही खेलने का दूसरा नाम है। पहली बात, हमेशा लक्ष्य बनाकर ट्रेडिंग या निवेश करना चाहिए। दूसरी बात, लक्ष्य पूरा होते या स्टॉप लॉस ट्रिगर होते ही ज्यादा लालच किए बिना बेचकर निकल लेना चाहिए। कहावत भी है कि आधी छोड़ पूरी तो धावय, आधी रहय न पूरी पावय। कई बार ऐसा होता है कि तीन गुना तक बढ़ चुका शेयर दो-चार महीने में ही पैदल हो जाता है और फिर हम पछताते रह जाते हैं कि पहले बेचा क्यों नहीं। निवेश और ट्रेडिंग हमेशा मजबूत व अच्छी कंपनियों में करना चाहिए। ऐसी किसी कंपनी के ट्रेड में फंस भी गए तो उसे लम्बे समय का निवेश बना लेने में कोई हर्ज नहीं। ज्यादा रिस्की कंपनी हो तो कम से कम निवेश करें और कम रिस्की कंपनी हो तो उसमें ज्यादा निवेश किया जा सकता है। लक्ष्य पूरा हो गया हो बेचकर मुनाफा निकाल लें और उसे चाहें तो एफडी या निफ्टी अथवा गोल्ड ईटीएफ में सुरक्षित रूप से लगा सकते हैं। अब तथास्तु में आज की कंपनी…
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'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं।
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