हमने हीरो होंडा में बेचने की सलाह दी और यह स्टॉक गिर गया जो साबित करता है कि दोपहिया वाहनों की इस भीमकाय कंपनी तक के बारे में हमारी अंतर्दृष्टि कितनी गहरी है। हमने कल ही इस्पात इंडस्ट्रीज से निकल जाने की सलाह दी, जबकि हल्ला था कि जेएसडब्ल्यू स्टील के साथ उसकी डील 30 से 33 रुपए पर हो सकती है। यहां तक कि आज के इकनॉमिक टाइम्स ने भी 30 से 33 रुपए की खबर छापी है। वैसे, हमें भी शुरू में लग रहा था कि यह सौदा 27 से 36 रुपए तक के मूल्य पर हो सकता है। लेकिन जिस पल प्रवर्तकों ने कहा कि वे जेएसडब्ल्यू स्टील को नए शेयर आवंटित करेंगे, फौरन हमारा रुख नकारात्मक हो गया।
आप भी सारे पक्षों पर गौर करने के बाद इसको लेकर नकारात्मक हो जाएंगे। अधिग्रहण 2157 करोड़ रुपए में हो रहा है और मान लेते हैं कि यह पूरी रकम पुराने ऋणों को चुकाने में लगाई जाएगी। फिर ओपन ऑफर के लिए 2500 करोड़ रुपए की दरकार होगी। बाकी ऋणों की अदायगी के लिए 4700 करोड़ रुपए और चाहिए होंगे। कार्यशील पूंजी और विस्तार पर खर्च के लिए 3000 करोड़ रुपए की जरूरत पड़ेगी। इतना सब कुछ करने के बाद इस्पात इंडस्ट्रीज निश्चित रूप से 1000 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमा लेगी। लेकिन तब तक उसकी इक्विटी फूलकर 2000 करोड़ रुपए हो चुकी होगी।
इस पूरी कसरत में कम से कम दो साल लगेंगे और तब जाकर उसका ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 5 रुपए होगा। अगर हम छह से सात गुना भी इसका भाव भी मानें तब वो 30 से 35 रुपए तक पहुंचता है। यह कोई मजाक नहीं है! मेरा तो कहना है कि इससे बेहतर है कि सेंचुरी टेक्सटाइल्स को पकड़ लें। अगर ऐसा हुआ होता कि इस्पात इंडस्ट्रीज में वित्तीय संस्थाओं/बैंकों की हिस्सेदारी 19.85 रुपए के बजाय 30 रुपए पर खरीदी जाती तो स्थिति काफी अलग हो सकती थी।
हमारी पुरानी स्थापित नीति घटना के दिन खरीदने या लांग नहीं रहने की रही है क्योंकि भारत में ऐसे दिन स्टॉक 20 फीसदी तक ऊपर-नीचे हो जाते हैं। इसलिए उस दिन का खेल इनसाइडर या भेदिया कारोबारियों के लिए ही छोड़ देना चाहिए। बालासोर एलॉयज यकीनन ऐसा स्टॉक है जिस पर नजर रखी जानी चाहिए क्योंकि इस्पात समूह के मित्तल बंधु अपनी इस बेदाग कंपनी पर अब पूरी तरह अपना उद्यमी कौशल आजमा सकते हैं।
यह भी हमारी आदत में शुमार हो चला है कि अब अपने स्टॉक 6 से 12 महीने पहले चुन लेते हैं। इस्पात और हीरो होंडा के रूप में हमने दबंग जैसे दो सुपर ब्लॉक बस्टर औरों से काफी पहले पेश कर दिए थे। अगले दो ब्लॉक बस्टर सेंचुरी और बॉम्बे डाईंग हैं जिनकी कहानी अभी लिखी जा रही है। दिसंबर 2011 तक इन दोनों ही स्टॉक्स के भाव चार अंकों में पहुंच जाएंगे।
निफ्टी 6000 को पार कर गया है और इसी हफ्ते यह 6200 तक पहुंच जाएगा। इसलिए अपने भरोसे को तनिक भी आंच मत आने दीजिए। दुख और तकलीफ के दिन बीत चुके हैं। नई पारी के साथ शुरुआत कीजिए। जितनी जल्दी हो सके, उतना ही बेहतर है। देर मत लगाइए। फटाफट अच्छे स्टॉक्स को चुन-चुनकर पकड़ना शुरू कर दीजिए।
धैर्य और लगन में ऐसा जादू है कि उनका सामना पड़ते ही तमाम परेशानियां और बाधाएं दुम दबाकर भाग खड़ी होती हैं।
(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)