सरकार का दावा है कि भारत ने 2024-25 में ₹23,622 करोड़ या 276 करोड़ डॉलर का डिफेंस निर्यात किया। लेकिन स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिप्री) के अनुसार 2022 में भारत विश्व में डिफेंस निर्यात की रैंकिंग में 40वें स्थान पर था और तब उसका डिफेंस निर्यात मात्र 1.1 करोड़ डॉलर का था। उस साल 201.7 करोड़ डॉलर निर्यात के साथ चीन दुनिया में चौथे और रूस 282 करोड़ डॉलर के साथ तीसरे नंबर पर था। तब फिनलैंड जैसे छोटे से देश तक ने 2.9 करोड़ डॉलर का हथियार निर्यात किया था। क्या भारत महज दो साल में 40वें नंबर से सीधे तीसरे नंबर पर रूस के बराबर पहुंच सकता है? यही नहीं, सरकार की तरफ से यह भी बताया गया है कि भारत ने 2023-24 में ही ₹21,083 करोड़ या 263 करोड़ डॉलर का डिफेंस निर्यात कर लिया था। यह कैसा कमाल है जिसको सारी दुनिया ने अभी तक नोटिस नहीं किया? मात्र एक साल में 1.1 करोड़ डॉलर से सीधे 263 करोड़ डॉलर! याद रखने की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में सरकार बनाने के बाद ही ‘मेक-इन इंडिया’ का ढोल बजा दिया था। फिर भी 2019 से 2023 तक भारत दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक देश बना रहा। इस बीच यह जरूर हुआ कि 2020 में रूस को पीछे धकेल कर राफेल निर्माता फ्रांस भारत को सबसे ज्यादा हथियार बेचने लगा। अब बुधवार की बुद्धि…
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