यकीनन शेयर बाज़ार की ट्रेडिंग को पकड़ने का कोई विज्ञान नहीं है। नोबेल पुरस्कार पानेवाले अर्थशास्त्री तक ट्रेडिंग का कोई सूत्र पकड़ने से हाथ खड़े कर चुके हैं। बहुत हुआ तो इसे एक हद तक कला कहा जा सकता है। लेकिन यह निरी सट्टेबाज़ी भी नहीं है, न ही इसे सट्टेबाज़ी तक सीमित रखना चाहिए। सट्टेबाज़ी भी करें तो एक पद्धति के साथ, सलीके के साथ, कायदे व अनुशासन में बंधकर। ऐसा कुछ जिससे रिस्क को न्यूनतम और लाभ को अधिकतम किया जा सके। हमने कई सालों की मशक्कत से यही अनुशासन बनाने व विकसित करने की कोशिश की है। इसे विकसित करने में हमने अमेरिका के सफल प्रोफेशनल ट्रेडर अलेक्जैंडर एल्डर की किताबों का सहारा लिया है। दो बातें एकदम साफ हैं। पहली यह कि हर ट्रेडर को ट्रेडिंग का अपना सिस्टम बनाना होता है। दूसरी यह कि बाज़ार के रुख के खिलाफ चलने का जोखिम कतई नहीं उठाना चाहिए। अब बुधवार की बुद्धि…
यह कॉलम सब्सक्राइब करनेवाले पाठकों के लिए है.
'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं।
इस कॉलम को पूरा पढ़ने के लिए आपको यह सेवा सब्सक्राइब करनी होगी। सब्सक्राइब करने से पहले शर्तें और प्लान व भुगतान के तरीके पढ़ लें। या, सीधे यहां जाइए।
अगर आप मौजूदा सब्सक्राइबर हैं तो यहां लॉगिन करें...