वॉरेन बफेट किसी भी कंपनी में निवेश करने से पहले उसके मूलभूत पहलुओं का बेहद गहराई और बारीकी से अध्ययन करते रहे हैं। लेकिन गुण के साथ मात्रा का संतुलन ज़रूरी है। उनका कहना है, “सचमुच ज्यादा धन वही निवेशक बनाते हैं जो क्वालिटी के आधार पर सही फैसले करते हैं। लेकिन कम से कम मेरे विचार से पक्का धन मात्रा संबंधी फैसलों से बनता है।” इसी सोच पर चलते हुए बफेट संभावनाओं से भरी छोटी कंपनियों में निवेश करते रहे। लेकिन ऐसी कंपनियों को चुनना आसान नहीं। हर छोटी कंपनी में दम नहीं होता कि वो बड़ी बन जाए। छोटा आकार सफलता की कोई गारंटी नहीं। निवेश करने या न करने का फैसला कभी सीधा-सरल नहीं होता। ट्रेडिंग में हम भावों के उतार-चढ़ाव की लहरों पर खेलते हैं। लेकिन निवेश कोई खेल नहीं। अब शुक्रवार का अभ्यास…
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