सोने के दाम गिरते जा रहे हैं और छोटी अवधि में उसमें निवेश करना कहीं से भी फायदे का सौदा नहीं है। दुनिया भर में जिंसों के गुरु माने जानेवाले जिम रोजर्स तक ने हाल में ही कहा था कि किसी भी आस्ति के लिए 11 साल तक लगातार बढ़ते रहना बेहद असामान्य है। इसलिए सोने के दामों में इस साल गिरावट आनी चाहिए। फिर भी भारत के व्यापारी ग्राहकों के सिर सोने को मढ़ने की जबरदस्त कोशिश में लगे हैं। खासकर, अक्षय तृतीया के मौके को वे किसी भी तरह हाथ से नहीं जाने देना चाहते।
ढिढोरा पीटा जा रहा है। माहौल बनाया जा रहा है कि मंगलवार को अक्षय तृतीया के मौके पर सोने की भारी बिक्री होनेवाली है। यहां तक कि व्यापारियों के संगठन, कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर (सीएआईटी) की तरफ से एसएमएस भेजा गया है कि अक्षय तृतीया पर करीब 15 टन सोने का धंधा होने की उम्मीद है जिसका मूल्य लगभग 4000 करोड़ रुपए निकलेगा।
उधर, अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का दाम सोमवार की सुबह 1640 डॉलर प्रति औंस (31.1034768 ग्राम) पर स्थिर रहा। लेकिन दोपहर तक गिरकर 1633.59 डॉलर प्रति औंस पर आ गया। असल में वहां सबकी निगाहें मंगलवार और बुधवार को हो रही अमेरिकी फेडरल ओपन मार्केट कमिटी की बैठक पर लगी हुई हैं। इस बैठक में सिस्टम में और धन डालने पर फैसला हो सकता है जिसका सीधा असर सोने की किस्मत पर पड़ेगा।
लेकिन सोने की लगभग सारी नई मांग आयात से पूरा करनेवाले भारत में मंगलवार को पड़ रहे अक्षय तृतीया के पर्व को आखिरी बूंद तक भुनाने के सरंजाम किए जा रहे हैं। यह दिन सोना खरीदने के लिए बड़ा शुभ माना जाता है तो बजट के बाद चली लंबी हड़ताल से दुखी सोना व्यापारी व ज्वैलर सारी कोर-कसर इस मौके पर निकाल लेना चाहते हैं। व्यापारियों का कहना है कि अक्षय तृतीया के पहले ही सोने के आभूषणों और सिक्कों की मांग बढ़ी हुई है।
टाटा समूह के ज्वैलरी ब्रांड तनिष्क के उपाध्यक्ष (रिटेल) संदीप कुल्हाली का कहना है, “हम मानते हैं कि यह मौका समूचे उद्योग के लिए अच्छा रहेगा। मुझे लगता है कि मूल्य और मात्रा, दोनों ही लिहाज से इस बार की बिक्री पिछले साल की बनिस्बत अधिक रहेगी। चूंकि इधर सोने के भाव ठहरे हुए हैं। इसलिए लोगबाग जेवरों से लेकर सिक्कों तक में धन लगा रहे हैं।”
देश में सोने का दाम साल भर पहले 22,000 रुपए प्रति दस ग्राम हुआ करता था। फिलहाल यह 28,000 रुपए पर पहुंच चुका है। सोमवार को 24 कैरेट सोने का दाम दोपहर में 27580.50 रुपए प्रति दस ग्राम चल रहा था। व्यापारियों को लगता है कि भाव दबे हुए हैं। इसलिए इस बार ज्यादा खरीदार आएंगे।
आपको मालूम ही होगा कि इस साल के बजट में सोने पर आयात शुल्क दोगुना कर दिया गया है। साथ ही एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी गई है और दो लाख रुपए से ज्यादा की बिक्री पर दुकानदार के लिए टीडीएस काटना जरूरी कर दिया गया है। इन प्रस्तावों के खिलाफ देश भर सोना कारोबारी 17 मार्च से ही हड़ताल पर चले गए थे। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के आश्वासन के बाद उनकी यह हड़ताल 8 अप्रैल को खत्म हुई है। कुल्हाली का कहना है कि सौभाग्य से सारे हालात अक्षय तृतीया के 14-15 दिन पहले ठीक हो गए।
देश की सबसे बड़ी स्वर्ण कारोबारी कंपनियों में शुमार, श्री गणेश ज्वैलरी के मार्केटिंग प्रमुख राहुल सिंह का कहना है कि देश में सोने के आभूषणों और सिक्कों की मांग पहले ही रफ्तार पकड़ चुकी है। इतने दिनों की बंदी ने ग्राहकों की मांग बढ़ा दी है। इसलिए अक्षय तृताया पर ग्राहक जमकर खरीदेंगे। खै, आगे-आगे देखिए, होता है क्या। वित्त मंत्री अपने आश्वासन पर अमल करते हैं या नहीं, इसका भी पता अगले महीने संसद में बजट के पारित होने पर चलेगा। सरकार किसी भी सूरत में सोने की मांग को हतोत्साहित करना चाहती है क्योंकि इसके आयात पर भारी मात्रा में विदेशी मुद्रा खर्च होती है जिससे सरकार के चालू खाते का घाटा बढ़ता जा रहा है।