ऐसा कौन-सा वयस्क होगा जो नहीं जानता कि उसकी वित्तीय ज़रूरतें और सीमाएं क्या हैं? वह नहीं जानता तो यह कि कौन-से स्टॉक्स और म्यूचुअल फंड स्कीम्स में निवेश करे। वह यह भी नहीं जानता कि शेयर बाज़ार में निवेश या ट्रेडिंग का रिस्क क्या है और उसे कितना रिस्क लेना चाहिए कि उसकी लुटिया न डूब जाए। समस्या यह कि उसे यह ज्ञान करानेवाला कोई ईमानदार मंच अपने यहां नहीं है। कहने को जो विद्वान, इक्विटी विश्लेषक व वित्तीय सलाहकार हैं जो सब धान बाइस पसेरी तौलते हुए बड़ी-बड़ी बातें बनाते हैं और ये बातें बनाने की भी हज़ारों रुपए फीस लेते हैं। पहले वे कहते हैं कि अमेरिका का फेडरल रिजर्व या हमारा रिजर्व बैंक क्या करेगा, इस पर हमारा कोई वश नहीं है। विश्व अर्थव्यवस्था या देश के बजट पर हमारा कोई कंट्रोल नहीं। फिर ऐसे विद्वान हमें टॉप-डाउन और बॉटम-अप जैसे जुमलों में उलझा देते हैं। अब शुक्रवार का अभ्यास…
यह कॉलम सब्सक्राइब करनेवाले पाठकों के लिए है.
'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं।
इस कॉलम को पूरा पढ़ने के लिए आपको यह सेवा सब्सक्राइब करनी होगी। सब्सक्राइब करने से पहले शर्तें और प्लान व भुगतान के तरीके पढ़ लें। या, सीधे यहां जाइए।
अगर आप मौजूदा सब्सक्राइबर हैं तो यहां लॉगिन करें...