हमारे यहां दस साल पहले तक थोक मूल्य सूचकांक (WPI) पर आधारित मुद्रास्फीति प्रमुख थी। यह मुद्रास्फीति जून में 15.18% ऱही है। इसकी तुलना अमेरिका में प्रचलित प्रोड्यूसर प्राइस इंडेक्स (PPI) आधारित मुद्रास्फीति से की जा सकती है जो जून में 9.1% और जुलाई में 8.5% है। साल 2012 से हम उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) पर आधारित मुद्रास्फीति पर आ गए। यह जून में 7.01% थी। लेकिन इसमें 45.86% योगदान खाने-पीने की चीजों का है। अकेले खाने की वस्तुओं का हिस्सा 39.06% है। ब्याज बढ़ जाने से लोगबाग आटा-दाल, चावल या सब्जियां तो खरीदना कम नहीं कर देंगे! इनकी महंगाई सरकारी नीतियों से बढ़ती है, मौद्रिक नीति से नहीं। जैसे, सरकार ने गेहूं निर्यात न किया होता तो उसके दाम कतई नहीं बढ़ते। अब गुरुवार क दशा-दिशा…
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