सब कसौटी पर

खेमे पकड़ लेना सबसे आसान है। लेकिन खेमों से बाहर निकलकर सत्य का अनुसंधान बहुत कठिन है। खेमों में आस्था चलती है। आप बहुत कुछ मानकर चलते हैं। लेकिन यहां सब कुछ कसौटी पर कसा जाता है।

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