लम्बी व मध्यम अवधि, मतलब कुछ महीने और साल-दो साल से बढ़ने का रुख। लेकिन फिलहाल गिरावट। ऐसे स्टॉक्स को भी ट्रेडिंग के लिए पकड़ने की अलग विद्या है जो बताती है कि इन स्टॉक्स में प्रोफेशनर ट्रेडरों व संस्थाओं की खरीद कहां से शुरू हो सकती है और कहां तक जाने के बाद वे इनसे बाहर निकल सकते हैं। इसे डिमांड और सप्लाई का नियम कहते हैं। यह विद्या टेक्निकल एनालिसिस के फंडे से बाहर है। यह रेजिस्टेंस और सपोर्ट लेवल से थोड़ी मिलती है। लेकिन उससे एकदम भिन्न है। भावों के चार्ट के आखिरी बिंदु पर माउस का कर्सर रखिए। फिर पीछे की दिशा में चार्ट पर चलते जाइए। जहां तक भाव चढ़कर गिरे थे, वहां सप्लाई का ज़ोन और ठीक पहले जहां से उठना शुरू हुए थे, वह डिमांड का ज़ोन। अब बुधवार की बुद्धि…
यह कॉलम सब्सक्राइब करनेवाले पाठकों के लिए है.
'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं।
इस कॉलम को पूरा पढ़ने के लिए आपको यह सेवा सब्सक्राइब करनी होगी। सब्सक्राइब करने से पहले शर्तें और प्लान व भुगतान के तरीके पढ़ लें। या, सीधे यहां जाइए।
अगर आप मौजूदा सब्सक्राइबर हैं तो यहां लॉगिन करें...