टैपरिंग से डॉलर के आने पर ज्यादा फर्क नहीं

ब्याज दरों के भारी अंतर के कारण भारत में अमेरिका से उधार लिया गया धन आराम से 5% मुनाफा कमा सकता है। इस पर यकीनन डॉलर और रुपए की विनिमय दर का असर पड़ेगा। डॉलर की आवक या सप्लाई बढ़ती है तो रुपया महंगा होता है और एक डॉलर में कम रुपए मिलते हैं। जैसे, 15 दिसंबर 2021 को एक डॉलर में 76.34 डॉलर मिल रहे थे, जबकि 14 जनवरी 2022 को एक डॉलर में 74.16 रुपए मिलने लगे। 2.86% का यह फर्क कम नहीं होता। लेकिन अमूमन रुपए का विनिमय मूल्य कई सालों से डॉलर के सापेक्ष 75 के आसपास घूमता रहता है। विदेशी निवेशक इसकी हेजिंग करके रखते हैं। ऐसे में तय है कि भारतीय ब्याज दरों के आकर्षण के साथ ही शेयर बाज़ार का उछाल उन्हें खींचता रहेगा। अब शुक्रवार का अभ्यास…

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