अमेरिका में बसने की तमन्ना रखने वाले भारत जैसे देशों के प्रोफेशनल लोगों के लिए एक अच्छी खबर है। अमेरिकी संसद के निचले सदन, प्रतिनिधि सभा ने प्रत्येक देश पर आधारित आव्रजन (इमिग्रेशन) वीज़ा की सीमा को खत्म करने के पक्ष में मतदान किया है। अभी के इमिग्रेशन एंड नेशनलिटी एक्ट के तहत किसी एक देश के लिए दिए गए वीज़ा की संख्या एक साल में कुल जारी वीज़ा की संख्या के सात फीसदी से ज्यादा नहींऔरऔर भी

भारतीय डाक ने वि‍‍भि‍न्‍न देशों के लि‍ए वी़ज़ा सम्‍बन्‍धी सुवि‍धाएं डाकघरों के जरि‍ए उपलब्‍ध कराने के लि‍ए वीएफएस ग्‍लोबल नाम की वैश्विक फर्म के साथ सहमति‍ पत्र पर हस्‍ताक्षर ‍कि‍ए हैं। यह हस्‍ताक्ष्‍ार इसी हफ्ते मंगलवार, 30 अगस्‍त को डाक वि‍भाग के सचि‍व व अधि‍कारि‍यों और वीएफएस ग्‍लोबल के अधि‍कारि‍यों की मौजूदगी में ‍कि‍या गया। सहमति पत्र के अनुसार उन डाकघरों के जरिए दूरदराज के उन इलाकों में वीज़ा सम्‍बन्‍धी सुवि‍धाएं उपलब्‍ध कराई जाएंगी जहां ये सुवि‍धाएंऔरऔर भी

कई सालों की मशक्कत के बाद नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन (एनपीसीआई) ने प्रस्तावित विशिष्ट इंडिया कार्ड को अंतिम रूप दे दिया है जो व्यावसायिक रूप से लांच किए जाने के बाद वीजा व मास्टरकार्ड जैसी तुरंत भुगतान फर्मों की जगह लेगा। एनपीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट को बताया कि प्रस्तावित कार्ड का नाम Rupay (रूपे) होगा। कंपनी की बोर्ड बैठक में इसके लोगो को भी अंतिम रूप दे दिया गया है। उल्लेखनीय हैऔरऔर भी

अमेरिका में एच-1बी और एल-1 वीजा शुल्क में भारी वृद्धि का प्रस्ताव 14 अगस्त से प्रभावी हो गया है। इस वृद्धि से भारतीय आईटी कंपनियों पर सालाना 25 करोड़ डॉलर का अतिरिक्त बोझ पड़ सकता है। अमेरिका के इस कदम का भारत ने विरोध किया है। भारत का कहना है कि सीमा सुरक्षा विधेयक के तहत वीजा शुल्क में की गयी यह वृद्धि उसकी कंपनियों के लिए भेदभावपूर्ण है। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा नेऔरऔर भी

देश में क्रेडिट व डेबिट कार्ड पर अमेरिकी कंपनियों – वीसा और मास्टरकार्ड के एकाधिकार को खत्म करने की तैयारी काफी आगे बढ़ गई है। शुक्रवार को रिजर्व बैंक के मुख्य महाप्रबंधक (भुगतान व समायोजन विभाग) जी पद्मनाभन ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि भारत का अपना इंडियापे कार्ड अगले 18 से 24 महीनों में काम करना शुरू कर देगा। यह खबर आज देश के सबसे बड़े अंग्रेजी आर्थिक अखबार ने लीड के रूप में लगाईऔरऔर भी

लेनदेन की अंतरराष्ट्रीय संस्था वीसा ने ग्राहकों के प्रीमियम के भुगतान के लिए देश की बीस प्रमुख कंपनियों से एक करार किया है जिसके तहत ग्राहक साधारण या जीवन बीमा प्रीमियम की अदायगी अपने वीसा कार्ड के जरिए कर सकते हैं। बता दें कि हमारे बैंकों के जितने भी डेबिट या क्रेडिट कार्ड हैं उन्होंने दुनिया की दो प्रमुख भुगतान कंपनियों वीसा या मास्टर कार्ड से टाई-अप कर रखा है। इसलिए आप अपने कार्ड पर इनका लोगोऔरऔर भी