हाथों में इतना दम, गरीबी हो जाए बेदम
इंसान के हाथों में इतनी बरकत है कि वह मिट्टी को सोना और पत्थर को हीरा बना सकता है। यही नहीं, अरबों साल पहले वह बंदर से इंसान बनना ही तब शुरू हुआ, जब उसने औजार बनाए, उन्हें इस्तेमाल करने का हुनर विकसित किया और आपसी संवाद के लिए भाषा ईजाद की। आज भी उसे हुनर, औजार या साधन दे दिए जाएं और उसकी भाषा में उससे सही संवाद किया जाए, महज लफ्फाज़ी न की जाए तो वह सब कुछ हासिल कर सकता है जो उसे चाहिए। फिर गरीबी क्या चीज़ है! आखिर कौन गरीब रहना चाहता है? वैसे भी गरीबी नैसर्गिक नहीं, बल्कि समाज की देन है। इंसान को हुनर, अवसर, साधन व काम करने की आज़ादी मिले तो गरीबी किसी दिन इतिहासऔर भी
आगे है जीविका बचाने की कठिन जंग
भारत ही नहीं, पूरी दुनिया की अधिकतर आबादी अभी या तो लॉकडाउन में है या काफी रोकटोक के साथ काम पर जा रही है। कोरोना वायरस का प्रकोप समाप्त करने की रणनीति यह नहीं है, यह बात सभी जानते हैं। इसका मकसद बीमारी के विस्फोट का दायरा घटाने और बचाव का ढांचा खड़ा करने के लिए समय हासिल करने तक सीमित है। फ्लू के वायरस की तरह यह गर्मी आने के साथ नरम पड़ जाएगा, यह समझऔरऔर भी
दिखती चमक में नहीं है सब लकदक
कहते हैं कि शेयर बाज़ार अर्थव्यवस्था के बारे में भविष्य की वाणी बोलता है और उसकी मानें तो हमारी अर्थव्यवस्था बम-बम करती जा रही है। साल 2017 के पहले से लेकर आखिरी ट्रेडिंग सत्र तक शेयर बाज़ार का प्रमुख सूचकांक, सेंसेक्स 28.1 प्रतिशत बढ़ा है। अगर इस रफ्तार से किसानों की आय बढ़ जाए तो वह पांच साल नहीं, 2.8 साल में ही दोगुनी हो जाएगी। लेकिन बाज़ार की आदर्श स्थितियों के लिए बनाए गए पैमाने अक्सरऔरऔर भी
फेडरल रिजर्व ने नहीं बढ़ाई ब्याज, जताया चीन में गिरावट का अंदेशा
अमेरिका के केंद्रीय बैंक, फेडरल रिजर्व ने अंततः ब्याज दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की, जबकि दुनिया भर में माना जा रहा था कि वो इसे शून्य से 0.25 प्रतिशत से बढ़ाकर 0.25 से 0.50 प्रतिशत कर सकता है। फेडरल रिजर्व की चेयरमैन जानेट येलेन ने भारतीय समय से गुरुवार-शुक्रवार की आधी रात के बाद यह घोषणा करते हुए कहा कि यह कदम वैश्विक अर्थव्यवस्था से जुड़ा है जिसने वस्तुतः अमेरिकी केंद्रीय बैंक के हाथ बांध दिएऔरऔर भी
स्पेन का सरकारी कर्ज बीस साल के चरम पर
स्पेन की सरकार का ऋण इस साल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 79.8 फीसदी पर पहुंच जाएगा जो 1990 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है। स्पेन के बजट मंत्री क्रिस्टोबल मोनटोरो ने मंगलवार को मैड्रिड में संवाददाता सम्मेलन में दौरान बताया कि साल 2012 में सरकार को 186.1 अरब यूरो (248 अरब डॉलर) का ऋण लेना पड़ेगा। इससे सरकार के ऋण व जीडीपी का अनुपात 79.8 फीसदी हो जाएगा, जबकि साल 2011 में यह 68.5 फीसदीऔरऔर भी
यूरो ज़ोन में बेरोजगारी व महंगाई भी चरम पर
यूरो ज़ोन अब ऋण संकट के साथ-साथ रिकॉर्ड बेरोजगारी, घटते औद्योगिक उत्पादन और बढ़ती महंगाई से भी परेशान हो गया है। यूरोप के सांख्यिकी कार्यालय यूरोस्टैट के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक यूरो ज़ोन में बेरोजगारी की दर जनवरी में अचानक बढ़कर 10.7 फीसदी हो गई। ऋण संकट से बुरी तरह घिरे स्पेन में बेरोजगारी की दर 23.3 फीसदी हो गई है जो पूरे यूरो ज़ोन में सबसे ज्यादा है। ऑस्ट्रिया की हालत सबसे अच्छी है। लेकिन वहांऔरऔर भी
इस्पात के दम पर बेनी खेलेंगे यूपी में राजनीति
समाजवादी पार्टी से कांग्रेस में पहुंचे केंद्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों की जमीन बनाने में जुट गए हैं। उन्होंने राज्य की बेरोजगारी और पिछ़ड़ेपन पर निशाना साधा है। उनका कहना है कि उत्तर प्रदेश की आबादी लगभग 21 करोड़ है। लेकिन औद्योगीकरण न होने से यहां के लोगों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है। राज्य में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए औद्योगीकरण आवश्यक हैऔरऔर भी