अगर आप बूढ़े व अशक्त नहीं हैं और पहाड़ चढ़ रहे हों तो बड़ा छोड़कर छोटा रास्ता अपनाते हैं, भले ही वहां पैर फिसलने का जोखिम हो। दरअसल, मानव मस्तिष्क के तार जुड़े ही ऐसे हैं कि हम स्वभावतः शॉर्टकट को तरजीह देते हैं। लेकिन लंबे निवेश में शॉर्टकट की मानसिकता बेहद नुकसानदेह साबित होती है। इसलिए हमें संयम और अनुशासन से खुद को शॉर्टकट की तरफ जाने से रोकना पड़ता है। अब आज की चुनिंदा कंपनी…औरऔर भी

निवेशकों को उन्हीं कंपनियों में अपनी बचत लगानी चाहिए जिन्हें वे जानते हों। खासकर तब, जब हवा का रुख उल्टा हो, दिग्गज कंपनियों तक के शेयर पिट रहे हों, तब उन्हें ऐसी कंपनियों को चुनना चाहिए जो मजबूत धरातल पर खड़ी हों। आर्थिक दुविधा और गिरावट के दौर में अपना होमवर्क भी बेहद जरूरी है। यह न केवल अपनी संपदा को बढ़ाने, बल्कि उसे बचाने के लिए भी आवश्यक है। पेश है ऐसी ही एक लार्जकैप कंपनी…औरऔर भी

टाटा समूह बराबर खुद के पाकसाफ होने का दावा करता रहता है। खासकर, उसके मौजूदा चेयरमैन रतन टाटा रिश्वत के नाम से ही बिदकने का अंदाज दिखाते रहे हैं। लेकिन इसी साल दिसंबर से उनकी जगह समूह की बागडोर संभालने वाले सायरस मिस्त्री की मूल कंपनी शापूरजी पल्लोनजी ने महाराष्ट्र हाउसिंग बोर्ड, म्हाडा के एक अधिकारी को करोड़ों की रिश्वत दी थी। यह खुलासा खुद महाराष्ट्र के गृह मंत्री आर आर पाटिल ने गुरुवार को राज्य विधानसभाऔरऔर भी

टाटा समूह के चेयरमैन रतन टाटा के उत्तराधिकारी का फैसला हो गया है। पहले कयास लगाया जा रहा था कि यह जिम्मा रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा को सौंपा जाएगा। नोएल और रतन टाटा के पिता नवल टाटा हैं, लेकिन उनकी माताएं भिन्न हैं। टाटा समूह ने तय किया है कि करीब 4.32 लाख करोड़ रुपए के कारोबार वाले समूह की बागडोर सायरस मिस्त्री को सौंपी जाएगी। 43 साल के सायरस मिस्त्री को अभी समूहऔरऔर भी

टाटा समूह इस वक्त न केवल ब्रिटेन का सबसे बड़ा निर्माता है, बल्कि उसने वहां सबसे ज्यादा लोगों को रोजगार दे रखा है। उसकी फैक्ट्रियों में सीधे-सीधे 40,000 लोग काम करते हैं। सर्विस स्टाफ को जोड़ दें तो यह संख्या 45,000 के पार चली जाती है। हालांकि टाटा और अंग्रेजों का रिश्ता गुलामी के दौर का है। टाटा ने लंदन से माल मंगवाने के लिए 1907 में वहां पहला दफ्तर खोला था। 1975 में उसने टीसीएस केऔरऔर भी

देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने देश के सबसे अमीर उद्योगपति मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज को लगातार तीन साल तक रिजर्व बैंक के निर्धारितों नियमों से अधिक कर्ज दिया है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ने वित्तीय संकट से जूझ रही एयर इंडिया के अलावा 2जी घोटाले में फंसी कुछ दूरसंचार कंपनियों को भी काफी मात्रा में कर्ज दे रखा है। लेकिन अब बैंक ने यह भी बताया है कि रिलायंस इंडस्ट्रीजऔरऔर भी

सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ओएनजीसी के बाजार पूंजीकरण में गिरावट जारी है। कुछ समय पहले तक वह बाजार पूंजीकरण (शेयरों के मूल्य और कुल शेयरों की संख्या का गुणनफल) में केवल रिलायंस इंडस्ट्रीज से पीछे थी। लेकिन इसके बाद अन्य सरकारी कंपनी कोल इंडिया उससे आगे निकल गई। अब टाटा समूह की कंपनी टीसीएस का बाजार पूंजीकरण भी ओएनजीसी से ज्यादा हो गया है। इस तरह बाजार पूंजीकरण के लिहाज से ओएनजीसी देश में ऊपर से चौथेऔरऔर भी

सरकार हस्तशिल्प को लोकप्रिय बनाने के लिए टाटा समूह से याचना करने जा रही है। कपड़ा मंत्रालय खुद रतन टाटा को पत्र लिखकर अनुरोध करने जा रहा है कि वे देश भर में फैले वेस्टसाइड स्टोरों में कुछ जगह हस्तशिल्प की वस्तुओं को भी दे दें। बता दें कि वेस्टसाइड टाटा समूह का रिटेल स्टोर है जहां मुख्यतः रेडीमेड कपड़े व लाइफ स्टाइल से जुड़े उत्पाद बेचे जाते हैं। वेस्टसाइड के देश भर में लगभग 50 स्टोरऔरऔर भी

झारखंड सरकार ने टाटा को राज्य में मिली लीज की भूमि पर उचित किराया न देने पर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की घोषणा की है। बता दें कि जमशेदपुर में टाटा समूह का केंद्र है और यह झारखंड में ही पड़ता है। झारखंड विधानसभा में सोमवार को राजस्व व भूमि सुधार विभाग की अनुदान मांगों पर हुई बहस का जवाब देते हुए राजस्व व भूमि सुधार मंत्री मथुरा प्रसाद महतो ने कहा कि टाटा समूह को राज्यऔरऔर भी

टाटा उद्योग समूह के प्रमुख रतन टाटा ने अपना राजनीतिक रंग जाहिर कर दिया है। उन्होंने जहां प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह व कांग्रेस पार्टी का बचाव किया है, वहीं कहा है कि दूरसंचार नीति की खामियों के लिए बीजेपी भी दोषी है। उन्होंने मोबाइल फोन सेवा कंपनियों को रेडियो तरंगों के आवंटन में कथित घोटाले पर चल रहे आरोप-प्रत्यारोप के दौर में दखल करते हुए गुरुवार को खुलकर कहा कि जीएसएम मोबाइल सेवा कंपनियों की ओर से इसऔरऔर भी