सुखी वही है जिसकी दृष्टि सम्यक है, जो स्थिरता के साथ गति को भी देखता है, जो वर्तमान के साथ-साथ उसके भीतर पनपते भविष्य को समझने का माद्दा रखता है, जो अतीत के मोह में चिपक कर वर्तमान व भविष्य के प्रति शंकालु नहीं रहता।और भीऔर भी