एक तो बाजार की सांस ब्याज दरों के बढ़ने के कारण पहले ही उखड़ी हुई है और वो 200 दिनों के मूविंग औसत से नीचे जा चुका है। ऊपर से 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले के सुप्रीम कोर्ट में आने ने हालत और खराब कर दी। इस माहौल का फायदा उठाकर बाजार के उस्ताद लोगों ने बडे पैमाने पर शॉर्ट सौदे करके माहौल को संगीन बना डाला। आज को मिला दें तो बाजार में गिरने का दौर नौ दिनोंऔरऔर भी

अमेरिकी के एक अखबार में छपे लेख में बताया गया है कि चांदी में सट्टेबाजी क्या आलम है। यहां तक कि सट्टेबाजों के कहने पर वहां के कमोडिटी एक्सचेंज ने मार्जिन कॉल जारी करने में देर कर दी। इसके बाद भी चांदी में गिरावट आई तो सही, लेकिन काफी देरी के बाद। भारत की बात करें तो यहां भी सट्टेबाजी सिर चढ़कर बोल रही है। इसमें कोई शक नहीं कि रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति की गंभीर अवस्थाऔरऔर भी

बाजार सुबह-सुबह ओवरसोल्ड हो गया क्योंकि कुछ ट्रेडरों व एफआईआई ने ब्याज दर में 50 आधार अंक (0.50 फीसदी) वृद्धि का अंदाज लगाकर शॉर्ट सौदे कर लिए। औरों को 25 आधार अंक बढ़ने की उम्मीद थी। जाहिर है शॉर्ट सेलर सही निकले तो उन्हें कवरिंग की जरूरत नहीं पड़ी। बाजार गिरता गया। वैसे भी, बाजार 20 दिनों के मूविंग औसत (डीएमए) के करीब पहुंच चुका है, हालांकि वो 200 दिनों के सामान्य मूविंग औसत (एसएमए) को तोड़करऔरऔर भी

अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन को मार क्या गिराया, तमाम जिंसों के दाम धड़ाम-धड़ाम गिरने लगे। चांदी पर निचला सर्किट लग गया। एक हफ्ते में चांदी पर लगा यह दूसरा निचला स्रर्किट है। यह संकेत है इसके भावी हश्र का। इस पर मार्जिन भी अब काफी बढ़ा दिया गया है। इससे इसमें और गिरावट आएगी और यह 60,000 प्रति किलो के नीचे जा सकती है। फिलहाल कारोबारियों में इसमें निचले स्तर पर खरीद की चर्चाएं चल पड़ीऔरऔर भी

सेटलमेंट के चक्र के अंत में एक बार फिर बाजार में निराशा का आलम है। निफ्टी सुबह खुलने के कुछ देर बाद ही 5804 तक पहुंच गया। फिर 3 बजे तक गिरते-गिरते 5706 तक चला गया। हालांकि आखिरी आधे घंटे में उसमें सुधार देखा गया और यह 5749.50 पर बंद हुआ। लेकिन निफ्टी के जिस 5300 के स्तर को हम काफी पीछे छोड़ आए हैं, अब उसके फिर से वहां तक गिरने की बात हो रही है।औरऔर भी

बाजार एक बार फिर डेरिवेटिव सौदों में ली गई पोजिशंस के हिसाब से चला। निफ्टी 0.83 फीसदी गिरकर 5785.45 पर पहुंच गया। ऐसा इसलिए क्योंकि डेरिवेटिव सौदों के गढ़ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में अभी तक फिजिकल सेटलमेंट नहीं है। हमें बाजार की इस गति का पहले से अंदाजा था। इसीलिए हमने केवल बचाव वाली कॉल्स ही दी थी। फिर भी तेजी का रुझान कायम है। कल नए सेटलमेंट की शुरुआत के साथ नई पोजिशन ली जाएंगी।औरऔर भी

एक अच्छी खबर है जो पूंजी बाजार में खुशी ला सकती है। नॉर्थ ब्लॉक के मेरे सूत्रों ने बताया है कि आखिरकार वित्त मंत्रालय ने आईपीओ की लिस्टिंग के पहले दिन होनेवाले खेल पर चिंता जताई है। अमूमन लिस्टिंग के बाद शेयर धड़ाम से गिरते हैं जिससे लाखों-करोड़ों निवेशकों की पूंजी स्वाहा हो जाती है। यहां तक कि सरकार को भी अपनी कंपनियों के आईपीओ रिटेल व असली निवेशकों को बेचने में समस्या होती है। दुखद बातऔरऔर भी

पिछले हफ्ते बाजार के बराबर बढ़ने के बाद हमने अंदेशा जताया था कि रोलओवर के चलते इस हफ्ते बाजार में उतार-चढ़ाव का दौर चलेगा। सोमवार को बाजार लहरों की तरह उठता-गिरता रहा। मंगलवार को उसके गिरने-उठने का ग्राफ किसी माला के आकार का रहा। हालांकि दोनों ही दिन सुबह की गिरावट शाम तक आते-आते संभल गई। इस उथल-पुथल से खास फर्क नहीं पड़ता। इसकी वजह रोलओवर है और बड़े रोलओवर होने अभी बाकी हैं। निफ्टी 5810-5820 केऔरऔर भी

रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) में आई करीब तीन फीसदी की गिरावट ने बाजार को थोड़ा दबाकर रख दिया। फिर भी चुनिंदा स्टॉक्स, खासकर बी ग्रुप के स्टॉक्स में बढ़त जारी है। गौर करने की बात यह है कि पिछले छह महीनों में दो चीजें हुई हैं। एक, जो प्रवर्तक ऊंचे मूल्यों पर भी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेचने को तैयार नहीं थे, उन्हें अब समझ में आ गया है कि फंड जुटाने का सबसे सस्ता व अच्छा तरीकाऔरऔर भी

बाजार पर तेजी का जुनून इस कदर सवार है कि कच्चे तेल के बढ़ते दाम, मुद्रास्फीति और अमेरिकी अर्थव्यवस्था को डाउनग्रेड किया जाना भी उसे रोक नहीं पा रहा। आज लगता है कि वे ट्रेडर व निवेशक कितने बौड़म थे जो सेंसेक्स के 17,000 के स्तर पर कच्चे तेल, मुद्रास्फीति और वैश्विक चिंताओं का भय दिखाकर हमें समझा रहे थे कि यह 14,000 तक गिर जाएगा। ऐसा न कभी होना था, न ही हुआ क्योंकि लाभार्जन केऔरऔर भी