बाजार का विश्वास पहले से ही डिगा हुआ था। ऊपर से निफ्टी 5480 के प्रतिरोध स्तर से भी नीचे चला गया। यह इस बात का साफ संकेत है कि निफ्टी में आगे भी कमजोरी बनी रहेगी। हालांकि बाजार में भागीदारी की जो स्थिति है, उसे देखते हुए इसके बढ़ने की भी इतनी ही ज्यादा गुंजाइश है। आज भी दोपहर बारह बजे के बाद यह कोशिश नजर आई। लेकिन छोटी-सी रेंज में थोड़े से वोल्यूम के साथ बाजारऔरऔर भी

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक के कमजोर आंकड़ों और अर्थव्यवस्था की धीमी पड़ती विकास दर को आधार बनाकर पंटरों ने जबरदस्त बिकवाली कर डाली। नतीजतन, निफ्टी एक बार फिर 5480 का समर्थन स्तर तोड़कर नीचे चला गया। हालांकि 5457 तक जाने के बाद फिर वह उठने लगा और बाजार बंद होने तक 5480 के ऊपर आ गया। वैसे, अगले हफ्ते 16 जून को मध्य-तिमाही समीक्षा में रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों को बढ़ाने का अंदेशा भी पंटरों को मथऔरऔर भी

बाजार बहुत मजबूत धरातल पर खड़ा है क्योंकि मुद्रास्फीति में कमी के आसार बढ़ गए हैं। साथ ही यह भी स्थिति बन रही है कि रिजर्व बैंक अब ब्याज दरों को बढ़ाने का सिलसिला रोक देगा। पहली तिमाही के खराब नतीजों के असर को बाजार मौजूदा भावों में सोख चुका है। इसलिए निफ्टी के 4700 तक गिर जाने की अतिवादी आशंका पूरी होने की उम्मीद नहीं है। ऐसा उसी हालत में हो सकता है, जब अण्णा, बाबा,औरऔर भी

मैंने सुना और अखबारों में पढ़ा भी कि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) दोनों ही छोटी व मध्यम आकार की कंपनियों के लिए जल्दी ही अलग एसएमई एक्सचेंज शुरू करने जा रहे हैं। इस एक्सचेंज को लेकर बहुत सारे ट्रेडर और निवेशक काफी उत्साहित हैं। छोटी कंपनियों के आईपीओ में अमूमन कॉरपोरेट गवर्नेंस का स्तर अच्छा नहीं होता। ऐसे ज्यादातर आईपीओ खुलने से पहले ही बिक जाते हैं। आईपीओ की लिस्टिंग पर भावऔरऔर भी

मानसून की सही व अच्छी शुरूआत, लेकिन आर्थिक विकास दर में कमी, कंपनियों के लाभार्जन का सिकुड़ना और मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर को बैंकों के ऋण-प्रवाह में कमी। यह सब ऐसी बातें हैं जिनके सम्मिलित प्रभाव से हो सकता है कि रिजर्व बैंक अब ब्याज दरों को बढ़ाने का सिलसिला रोक दे। हालांकि चीन सीआरआर (केंद्रीय बैंक के पास बैंकों द्वारा अनिवार्य रूप से रखा जानेवाला कैश) में एक और वृद्धि करनेवाला है। लेकिन भारत में ब्याज दर कीऔरऔर भी

बाजार उठने की पुरजोर कोशिश करता रहा। दो बजे तक मंदड़िए हावी रहे। लेकिन उसके बाद तेजड़िए इसे आगे ले जाने में कामयाब रहे। उन्होंने लांग पोजिशन बना रखी है जबकि दूसरे कारोबारी शॉर्ट हुए पड़े हैं। इसलिए यह बड़ी बात है कि बाजार अंत में बढ़त लेकर बंद हुआ है। निफ्टी में 0.28 फीसदी तो सेंसेक्स में 0.24 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई है। इससे पूरे हफ्ते की दशा-दिशा तय हो सकती है। आज की बढ़तऔरऔर भी

बाजार पलटकर उठा। सुबह-सुबह सेंसेक्स 18,672.65 और निफ्टी 5604.95 तक चला गया। निफ्टी का यूं 5600 के स्तर को पार करना बड़ी बात थी। लेकिन दोपहर बारह बजे के बाद बाजार अपनी बढ़त को बनाए नहीं रख। माना जा रहा था कि निफ्टी के 5580 के ऊपर पहुंचते ही टेक्निकल एनालिस्ट और बाजार के पंटर भाई लोग लांग होने या खरीद की भंगिमा अपनाने जा रहे हैं। लेकिन शर्त यही है कि निफ्टी को इससे ऊपर बंदऔरऔर भी

खराब आर्थिक आंकड़ों के चलते अमेरिकी बाजार कल गिर गया और ग्रीस को डाउनग्रेड कर दिया गया। इन दोनों ही घटनाओं का दुनिया के बाजारों पर पड़ा तो भारतीय बाजार भी आज सुबह गिरकर खुले। दिन भर ऊंच-नीच का क्रम चला और आखिकार सेंसेक्स 114.63 अंकों की गिरावट के साथ 18,494.18 और निफ्टी 41.65 अंकों की गिरावट के साथ 5550.35 पर बंद हुआ। लेकिन अगर दुनिया के बाजार न भी गिरे होते तो भारतीय बाजार गिर सकताऔरऔर भी

मैं नहीं जानता कि एफआईआई के तौर-तरीकों, उनके बर्ताव और बाजार की गति पर मैं हँसूं कि रोऊं? पिछले सेटलमेंट तक शोर था कि निफ्टी 5000 का स्तर तोड़कर नीचे चला जाएगा। बेचारे ट्रेडरों ने 5000 के पुट ऑप्शन खरीद डाले। ऐसा इसलिए भी हुआ क्योंकि एक प्रमुख विदेशी ब्रोकिंग हाउस ने अखबारों के जरिए सार्वजनिक तौर पर राय रखी थी कि पहले तीन महीने बाजार गिरेगा और उसके बाद 20 फीसदी बढ़ेगा। इस तरह के बयानऔरऔर भी

भारतीय बाजार ने दिखा दिया है कि यहां एक तरफ बहुत-सी कंपनियां मुश्किल में हैं और अपना धंधा बेचने को तैयार हैं, वहीं दूसरी तरफ बहुत-सी कंपनियां इस कदर संभावनाओं से भरी हैं कि उन्हें खरीदनेवालों की लाइन लगी है। ऑफिस स्टेशनरी बनानेवाली कैमलिन अपनी 50.3 फीसदी इक्विटी जापानी कंपनी कोकुयो को 365 करोड़ रुपए में बेचने में कामयाब हो गई। इससे पहले कनोरिया केमिकल्स अपना एक डिवीजन आदित्य बिड़ला समूह को बेच चुकी है। अब सबेरोऔरऔर भी