जटिलता से क्या भागना! सरलता की मंजिल तो जटिलता से गुजरकर ही मिलती है। आंतरिक संरचनाएं जितनी जटिल होती जाती हैं, चीजें उतनी आसान हो जाती हैं। खुद-ब-खुद आसानी से खुलनेवाला कांच का दरवाजा अंदर से जटिल होता है।और भीऔर भी

चीजें अपने-आप में बड़ी सरल होती हैं। नियमबद्ध तरीके से चलती हैं। बड़ी क्रमबद्धता होती है उनमें। लेकिन हमारी सोच और अहंकार के चलते वे उलझी हुई नज़र आती हैं। सही नज़रिया मिलते ही सारा उलझाव मिट जाता है।और भीऔर भी