अब जीवन बीमा में भी डिस्काउंट व सेल
इसे कहते हैं आर्थिक उदारीकरण का असली असर। वैश्वीकरण की नई-नवेली बयार। मार्केटिंग की नई तकनीक। उपभोक्ताओं को आकर्षित करने का नया फॉर्मूला। जिस बीमा के बारे में अमूमन कहा जाता है कि यह खरीदा नहीं जाता, बल्कि बेचा जाता है और लोग बीमा एजेंट की खोज नहीं करते, एजेंट ग्राहकों को खोजता है, उसी बीमा में अब किराना व कपड़े की दुकानों की तरह डिस्काउंट व सेल का जमाना आ गया है। जागरूकता की कमी: यहऔरऔर भी
सरपट आरी शार्प इंडस्ट्रीज की
शार्प इंडस्ट्रीज के बारे में कल सुबह ही लिखना था। फिर लगा कि जो शेयर पिछले तीन हफ्ते में ही 34.16 रुपए से 159 फीसदी बढ़कर 88.50 रुपए तक पहुंच गया हो, उसके बारे में अब क्या लिखना। लेकिन वो तो कल शाम तक फिर 5 फीसदी की सर्किट सीमा को छूने पहुंच गया। चला गया 92.90 रुपए पर जो उसके 52 हफ्तों का शिखर है और बंद हुआ 92.50 रुपए पर। बता दें कि 1989 मेंऔरऔर भी
बैंक आपस में बेच सकते हैं एनपीए: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाईकोर्ट के उस आदेश को निरस्त कर दिया है जिसमें बैंकों को एक-दूसरे के बीच गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) सहित ऋण के टांसफर पर रोक लगाई गई थी। मुख्य न्यायाधीश एस एच कपाड़िया की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि बैंकों के बीच ऋण का स्थानांतरण कानूनी रूप से उचित है और बैंकिंग सेवा नियमन कानून में इसकी अनुमति है। पीठ ने कहा, ‘‘बैंकिंग नियमन कानून में इस पर रोक नहीं है। हमऔरऔर भी