मैं ये तो नहीं कहता कि एफआईआई मूरख हैं। आखिर वे हमारे बाजार की दशा-दिशा तय करते हैं। लेकिन इतना जरूर है कि उन्हें बहुत आसानी से मूर्ख बनाया जा सकता है या ऐसा भी हो सकता है कि वे आसानी से मूर्ख बनने का स्वांग करते हों। उन्होंने अपने इर्दगिर्द 200 करोड़ रुपए के बाजार पूंजीकरण की लक्ष्मण रेखा खींच रखी है। वे वही स्टॉक इतने या इससे ज्यादा बाजार पूंजीकरण पर खरीदते हैं जिन्हें ऑपरेटरऔरऔर भी

बाजार तेजी के नए दौर में प्रवेश कर चुका है। वोलैटिलिटी सूचकांक अब तक के सबसे न्यूनतम स्तर 18 फीसदी पर है। रीयल्टी स्टॉक्स की धूम है। दूसरा सेक्टर जिसमें बाजार तेजी की राह पकड़ रहा है, वह है सीमेंट। देखिएगा कि अगले तीन महीनों तक इस सेक्टर के स्टॉक कहां से कहां तक जाते हैं। मैं मानता हूं कि नवंबर से पहले एसीसी चार अंकों में चला जाएगा। बाकी आपको समझना है। निफ्टी सारी रुकावटें तोड़औरऔर भी

कुछ दिनों पहले हमने टाटा मोटर्स और एसबीआई की बात उठाई थी और इन दोनों ही शेयरों ने औरों से ज्यादा तेजी दिखाई है। आरडीबी को आईटीसी द्वारा खरीदने की बात अब पीटीआई, सीएनबीसी, एनडीटीवी, ब्लूमबर्म और रॉयटर्स जैसे कई समाचार माध्यमों में आ गई है। निश्चित रूप से अब इसका खंडन भी आएगा क्योंकि 350 करोड़ रुपए में सौदे की बात कही गई है, जबकि आरडीबी का बाजार पूंजीकरण अभी मात्र 75 करोड़ रुपए है। इसलिएऔरऔर भी

मुझे पहले से आभास था और अब मैं सुन भी रहा हूं कि रिलांयस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) अपने 4 करोड़ ट्रेजरी शेयर (बगैर वोटिंग अधिकार वाले शेयर) 1098 रुपए के भाव से बेचेगी और हो सकता है कि ऐसा कल सुबह ही हो जाए। इससे बाजार में चहक बनी रह सकती है। बाजार अब गति पकड़ रहा है क्योंकि पहली तिमाही के लगभग सारे नतीजे जा चुके हैं और बस पूंछ बाकी रह गई है। अगला आवेग यहऔरऔर भी

पहले इसका नाम जिंदल स्टेनलेस स्टील था। 2008 में इसके जेएसएल बनाया गया और फिर मई 2010 में इसे जेएसएल स्टनेलेस लिमिटेड (बीएसई कोड – 532508, एनएसई कोड – जेएसएल) कर दिया गया है। इक्रा ऑनलाइन की एक रिसर्च रिपोर्ट बताती है कि यह देश में स्टेनलेस स्टील बनानेवाली सबसे बड़ी कंपनी है। घरेलू स्टेनलेस स्टील बाजार में उसकी हिस्सेदारी लगभग 40 फीसदी है। उसकी छह भारतीय और 11 विदेशी सब्सिडियरियां हैं। कंपनी के दो रुपए अंकितऔरऔर भी

किसी शेयर की बुक वैल्यू 17.97 रुपए हो और बाजार में उसका भाव पिछले कई महीनों से 12-14 रुपए चल रहा हो तो समझ में नहीं आता। लेकिन नाकोडा लिमिटेड का हाल ऐसा ही है। ऐसा नहीं कि इसके बारे में किसी को जानकारी न हो और यह कोई गुमनाम कंपनी हो। मीडिया से लेकर इंटरनेट के अलग-अलग फोरम पर इसके बारे में बराबर लिखा जा रहा है। कइयों ने इसे मल्टी बैगर (कई गुना रिटर्न देनेवाला)औरऔर भी

बाजार खुला तो बढ़कर, लेकिन कल आनेवाली क्रेडिट पॉलिसी, रिलायंस इंडस्ट्रीज के नतीजों और डेरिवेटिव (फ्यूचर्स व ऑप्शंस) की एक्सपायरी से जुड़ी चिंताओं ने उसे बांध रखा है। ट्रेडरों ने काफी शॉर्ट सौदे कर रखे हैं। बाजार को कल रिजर्व बैंक की तरफ से ब्याज दरों में वृद्धि और रिलायंस के उतने अच्छे नहीं आने की उम्मीद है। शॉर्ट सौदों की खास वजह यही है। मेरा अपना मानना है कि बाजार तेजी के एक नए चक्र मेंऔरऔर भी

हालांकि बाजार निफ्टी के 5400 के स्तर के आसपास कायदे से डटा हुआ है। लेकिन मुझे लगता है कि 5400 के ऊपर जाने से पहले यह 5300 तक नीचे आता तो इसे ज्यादा पुख्ता व स्वस्थ आधार मिल जाता। वैसे, 5200 और 5300 पर पुट (बेचने) ऑप्शन सौदों के वोल्यूम और ओपन इंटरेस्ट की मौजूदा स्थिति दिखाती है कि रोलओवर शुरू होने से पहले बाजार में थोड़ा करेक्शन आएगा। मारुति सुजुकी का स्टॉक बाजार को चौंका सकताऔरऔर भी