सस्ता है जेएसएल का स्टेनलेस स्टील

पहले इसका नाम जिंदल स्टेनलेस स्टील था। 2008 में इसके जेएसएल बनाया गया और फिर मई 2010 में इसे जेएसएल स्टनेलेस लिमिटेड (बीएसई कोड – 532508, एनएसई कोड – जेएसएल) कर दिया गया है। इक्रा ऑनलाइन की एक रिसर्च रिपोर्ट बताती है कि यह देश में स्टेनलेस स्टील बनानेवाली सबसे बड़ी कंपनी है। घरेलू स्टेनलेस स्टील बाजार में उसकी हिस्सेदारी लगभग 40 फीसदी है। उसकी छह भारतीय और 11 विदेशी सब्सिडियरियां हैं। कंपनी के दो रुपए अंकित मूल्य के शेयर का बंद भाव मंगलवार को बीएसई में 104.95 रुपए और एनएसई में 105.60 रुपए रहा है।

चौंकानेवाली बात यह है कि कंपनी के शेयर की बुक वैल्यू 106.90 रुपए है यानी बाजार भाव से ज्यादा। कंपनी ने 2009-10 में 5766.62 करोड़ रुपए की आय पर 376.45 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया है और उसका ईपीसीएस (प्रति शेयर लाभ) 23.21 रुपए है। उसके इस साल जून तिमाही के भी नतीजे आ गए हैं और उसने 1627.45 करोड़ रुपए की आय पर 98.06 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ व 5.28 रुपए का ईपीएस हासिल किया है। इस आधार पर उसका पिछले बारह महीनों (टीटीएम) का ईपीएस 20.57 रुपए निकलता है। इस तरह उसका पी/ई अनुपात मात्र 5.10 है। यह सेल समेत इस उद्योग की दूसरी कंपनियों से काफी कम है।

जाहिर है कि जेएसएल का शेयर अभी काफी दबे हुए भाव पर मिल रहा है, जबकि इसमें छिपा हुआ मूल्य ज्यादा है। इक्रा ऑनलाइन की रिपोर्ट के अनुसार ओपी जिंदल समूह की यह कंपनी हर नजरिए से दुरुस्त है। उसने हाल ही में उड़ीसा में एकीकृत स्टील संयंत्र लगाया है। वह सर्जिकल व रेज़र ब्लेड निर्माताओं को स्टील स्ट्रिप सप्लाई करनेवाली देश की इकलौती कंपनी है। उसको मिलाकर दुनिया में ऐसी स्टील स्ट्रिप बनानेवाली केवल तीन कंपनियां हैं। कंपनी भारत सरकार को सीआर स्ट्रिप और कॉयन ब्लैंक सप्लाई करती है।

बाकी चर्चा-ए-खास यह है कि अनिल अंबानी समूह की कंपनियों में खरीद शुरू हो चुकी है। एसीसी अगले दो महीनों में 1000 रुपए तक जा सकता है। एचसीसी में बढ़त के बढ़ने के आसार हैं। प्रतिभा इंडस्ट्रीज, जेबी केमिकल्स, जेपी, टीसीएस, विप्रो पर नजर रखने की जरूरत है। आईएफसीआई अब 70 रुपए से ऊपर जाने की तैयारी में है। आरडीबी इंडस्ट्रीज अगले तीन महीनों के भीतर आईटीसी की हो सकती है।

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