बाजार को कल ही आईआईपी (औद्योगिक उत्पादन सूचकांक) के शानदार आंकड़ों के बाद 5600 के पार चला जाना चाहिए था। लेकिन भारतीय बाजार ने एक बार फिर साबित कर दिखाया कि वह कुछ ट्रेडरों और एफआईआई के कार्टेल के शिकंजे में है जो फिजिकल सेटलमेंट के अभाव में बाजार को जब चाहें, मनमर्जी से नचा सकते हैं। रिटेल निवेशक आईआईपी के घोषित होने के बाद उत्साहित होकर खरीद बढ़ाने लगे तो इस कार्टेल ने निफ्टी पर चोटकरऔरऔर भी

2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में रिश्वत की रकम की लेन-देन में कम से कम छह देश शामिल हैं। इस सिसलिसे में 31 कंपनियां जांच के घेरे में हैं, जिनमें से 26 कंपनियों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में पेश की गई अपनी स्टेटस रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। यह रिपोर्ट मामले की जांच कर रही जस्टिस जी एस सिंघवी व ए के गांगुली की खंडपीठ को सौंपीऔरऔर भी

राजा की गिरफ्तारी क्या हुई, अचानक भारत के प्रति एफआईआई का प्यार उमड़ आया है। इस साल अब तक वे लगभग हर दिन बेचते रहे हैं। लेकिन आज उन्होंने 538.71 करोड़ रुपए की शुद्ध खरीद की है। होता है। कभी-कभी ऐसा होता है कि इंसान को अचानक हकीकत देखकर अपना रुख पलट देना पड़ता है। एफआईआई ने भी ऐसा ही किया है। वे अब कहने लगे हैं कि भारतीय बाजार में मूल्यांकन काफी आकर्षक है, इसलिए खरीदऔरऔर भी

मुद्रास्फीति क्यों बढ़ रही है? मुद्रा का प्रसार ज्यादा है, जबकि क्रय-शक्ति ठहरी हुई है। नतीजतन मुद्रास्फीति बढ़ती जा रही है। निश्चित रूप से अगर मौद्रिक नीति के जरिए मुद्रास्फीति से लड़ना है तो ब्याज दरें बढ़ाना ही इकलौता विकल्प है। हालांकि, मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिए आपूर्ति बढ़ाने, आयात शुल्क घटाने और जमाखोरी पर अंकुश लगाने जैसे कई दूसरे उपाय भी किए जा सकते हैं। अगर कारगर उपाय किए जाएंऔरऔर भी

दूरसंचार मंत्री ए राजा ने शुक्रवार को भरोसा दिलाया कि दूरसंचार उपकरणों के आयात का मसला कुछ सप्ताह में सुलझ जाएगा। उन्होंने बताया कि उनकी इस बारे में गृह मंत्री पी चिदंबरम से मुलाकात हुई है जिसमें उपकरण आयात, विशेषकर चीन से आयात पर चर्चा हुई। राजा ने नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के मौके पर संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा – हमें उम्मीद है कि गृह मंत्रालय के साथ यह मसला कुछ सप्ताह मेंऔरऔर भी