बाजार को कल ही आईआईपी (औद्योगिक उत्पादन सूचकांक) के शानदार आंकड़ों के बाद 5600 के पार चला जाना चाहिए था। लेकिन भारतीय बाजार ने एक बार फिर साबित कर दिखाया कि वह कुछ ट्रेडरों और एफआईआई के कार्टेल के शिकंजे में है जो फिजिकल सेटलमेंट के अभाव में बाजार को जब चाहें, मनमर्जी से नचा सकते हैं।
रिटेल निवेशक आईआईपी के घोषित होने के बाद उत्साहित होकर खरीद बढ़ाने लगे तो इस कार्टेल ने निफ्टी पर चोटकर बाजार को बांध दिया। असल में, एक घरेलू ब्रोकर ने एफआईआई को पहले ही बता दिया था कि वह 5520 के नीचे पहुंचते ही निफ्टी में शॉर्ट सेल करेगा। यह साफ दर्शाता है कि गोलमाल अब भी चालू है और रिटेल ट्रेडरों को डेरिवेटिव्स में ट्रेड करते वक्त ज्यादा से ज्यादा सावधान रहना चाहिए।
नोमुरा जैसे एफआईआई ने बयान दे दिया है कि वे ऑप्शंस में ऑटोमेटेड ट्रेड का स्वागत करते है। यह अगर हो गया तो ब्रोकरों के वजूद को ही मिटा सकता है। इससे वोलैटिलिटी या ऊंच-नीच ज्यादा बढ़ जाएगी क्योंकि ऑप्शन सौदों की वास्तविक स्थिति वोल्यूम के आंकड़ों में सही ढंग से नहीं झलकती और इसमें बड़े पैमाने पर जोड़तोड़ हो सकती है।
खैर, आज टेक्निकल विशेषज्ञों ने बिक्री की कॉल दे रखी थी क्योंकि सुबह 10 बजने तक निफ्टी 5510 के स्तर तो तोड़कर काफी नीचे चला गया था। यहां तक कि वो 5472 तक जा पहुंचा जो 5465 के प्रतिरोध स्तर से महज चंद अंक ऊपर था। लेकिन फिर राज्य विधानसभा चुनावों के नतीजे आने लगे, जिसे बाजार में तेजी के लिए इस्तेमाल किया गया। डीएमके की हार ने 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में कार्रवाई की सारा बाधाएं दूर कर दी हैं। ए राजा निपटे तो डीएमके भी निपट गई। अब सुप्रीम कोर्ट इसमें सजा सुना देगा। मामला खत्म हो जाएगा और कांग्रेस-नीत यूपीए गठबंधन चैन की सांस लेगा।
इन सारे कारकों के मद्देनजर बाजार ने आज शुक्रवार, 13 तारीख को अच्छी बढ़त ले ली। निफ्टी 1.07 फीसदी की बढ़त के साथ 5544.75 पर बंद हुआ। दिन में यह 5605 तक चला गया था। वैसे भी, 13 और शुक्रवार का संयोग पश्चिम के लिए भले ही हमेशा अशुभ रहा है, लेकिन पूरब के लिए यह हमेशा अच्छा ही साबित हुआ है।
ज्ञान एक ऐसी चीज है जो बांटने से कभी घटती नहीं, बल्कि हमेशा बढ़ती है।
(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का paid कॉलम है, जिसे हम यहां मुफ्त में पेश कर रहे हैं)