सरकार हुई ऐसी मेहरबान कि दाल के किसानों का निकला पिसान
पिसान अवधी का शब्द है जिसका अर्थ है आटा। वाकई, हमारी केंद्र सरकार ने दाल पर ऐसा रवैया अपना रखा है जिससे किसानों का पिसान निकल गया है। इससे यही लगता है कि या तो वह घनघोर किसान विरोधी है या खेती-किसानों के मामले में उसके कर्ताधर्ता भयंकर मूर्ख है। वैसे, शहरी लोग बड़े खुश हैं कि अरहर या तुअर की जो दाल साल भर पहले 180-200 रुपए किलो बिक रही थी, वह अब 60-70 रुपए किलोऔरऔर भी