दाल व गेहूं की कीमतों में क्रमशः 2.45 फीसदी व 2.03 फीसदी की कमी आने से तीन सितंबर को समाप्त सप्ताह में खाद्य मुद्रास्फीति घटकर 9.47 फीसदी पर आ गई। हालांकि इस दौरान अन्य खाद्य वस्तुएं महंगी हुईं। इससे पहले 27 अगस्त को समाप्त सप्ताह में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित खाद्य मुद्रास्फीति 9.55 फीसदी थी, जबकि साल भर पहले 2010 की समान अवधि में यह 15.16 फीसदी थी।
वाणिज्य मंत्रालय द्वारा गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, 3 सितंबर को समाप्त हुए सप्ताह में वार्षिक आधार पर प्याज की कीमत 42.98 फीसदी बढ़ी है, जबकि आलू 21.16 फीसदी महंगा हुआ। इनके अलावा, फलों की कीमतों में 22.64 फीसदी और सब्जियों के दाम में 17.47 फीसदी दर्ज की गई। दूध वार्षिक आधार पर 10.02 फीसदी महंगा हो गया, जबकि अनाज के दाम में 5.02 फीसदी की बढ़त देखने को मिली।
गेहूं और दाल के दाम घटने से यह जाहिर होता है कि फरवरी-मार्च में आ चुकी फसल का असर अब जाकर सामने आ रहा है। इसलिए एक बात तो है कि खाद्य मुद्रास्फीति पर काबू सप्लाई बढ़ाकर ही पाया जा सकता है, न कि ब्याज दरें बढ़ाकर। लेकिन गैर-खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति की दर 3 सितंबर को खत्म हफ्ते में 18.49 फीसदी रही है। वहीं ईंधन व बिजली समूह में महंगाई की दर 13.01 फीसदी है। 10 सितंबर को खत्म हफ्ते में मुद्रास्फीति के आंकड़े 22 सितंबर को जारी किए जाएंगे।
माना जा रहा है कि रिजर्व बैंक गैर-खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति को घटाने के लिए शुक्रवार को ब्याज दरें 0.25 फीसदी बढ़ा सकता है।