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इंसान और उसके रिश्तों को चलानेवाली मूल वृत्तियां हैं – काम, क्रोध, मद, लोभ, भय। समाज को सही करना है तो इन्हीं वृत्तियों को काम में लगाना होगा। सामाजिक विविधता के तंत्र में ये सभी नकारात्मक वृत्तियां एक-दूसरे को काट देंगी। जहर दवा बन जाएगा।          और भीऔर भी

भारत में नौकरी करनेवाले महज 8% लोग अपनी नौकरी से खुश हैं। इस सच को उजागर किया है अंतरराष्ट्रीय शोध व सलाहकार फर्म, गैलप के ताजा सर्वे ने। इस साल जनवरी से मार्च के दौरान किए गए इस सर्वे के मुताबिक 31% भारतीय अपने कामकाज से असंतुष्ट व दुखी हैं। वे दफ्तर में जाकर दूसरों से अपना दुखड़ा ही रोते रहते हैं। अपने कामकाज से उत्साहित सबसे ज्यादा 74% लोग डेनमार्क में हैं। वहीं सबसे पस्त हालतऔरऔर भी

सेटलमेंट का आखिरी दिन। निफ्टी 5600 के ऊपर डटा रहा। 5657.90 तक जाने के बाद 5634.90 पर बंद हुआ। साफ संकेत अगली बढ़त का। महीने का अंत आते-आते मैंने अपना जो लक्ष्य आपको बताया था, वह 5735 पर कायम है। रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) और एसबीआई ने बाजार को उठने में मदद की है। हालांकि आरआईएल में अब भी बढ़त की काफी गुंजाइश बाकी है। जब तक यह 880 रुपए के नीचे नहीं जाता, तब तक इसमें रुझानऔरऔर भी

वित्त वर्ष 2011-12 का बजट देश और देश की अर्थव्यवस्था के हित में है। शेयर बाजार अभी इसे अपने हित में मानता है या नहीं, इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता क्योंकि आखिरकार अर्थव्यवस्था ही बाजार की भी मजबूती का आधार बनती है। फिर आज अगर बीएसई सेंसेक्स करीब 600 अंक उछला है तो जरूर बाजार ने भी इसका अहसास किया है। हालांकि सेंसेक्स बाद में केवल 122.49 अंकों या 0.69 फीसदी की बढ़त के साथ 17,823.40 परऔरऔर भी

यूं तो ममता बनर्जी का रेल बजट सिर्फ राजनीति का झुनझुना भर है। 85 पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) परियोजनाओं की घोषणा भी बहुत बढ़ी-चढ़ी लगती है। लेकिन इससे यह संकेत जरूर मिलता है कि भारतीय रेल निजीकरण की दिशा में बढ़ रही है। आज ही आई आर्थिक समीक्षा ने आम बजट को लेकर सकारात्मक संकेत दिए हैं। राजकोषीय घाटे को जीपीजी के 4.8 फीसदी पर लाना दिखाता है कि सरकार अपने खजाने को चाक-चौबंद करने के प्रतिऔरऔर भी