फाइनेंस बाज़ार में बुल्स और बियर्स की तरह कई जानवरों के नाम चलते हैं। इनमें से एक है हॉग्स/पिग्स या हिंदी में बोलें तो सुअर। इसका अभिप्राय उन निवेशकों/ट्रेडरों से होता है जो बेहद लालची व अधीर होते हैं, ब्रोकर या वेबसाइट की ‘हॉट’ टिप पर बल्लियों उछलते हैं और रिसर्च करना या जानकारी जुटाना क्लेश समझते हैं। सुअर भले ही मुश्किल से मरे, लेकिन ‘पिग्स’ निवेशक आसानी से कुर्बान हो जाते हैं। अब गुरु की दशा-दिशा…औरऔर भी

बाजार कभी नहीं मरता है। मरता है आपका वो विश्वास जो फंडामेंटल्स या मूलाधार के बेजान-बेमानी हो जाने से खंड-खंड बिखर चुका होता है। टेक्निकल एनॉलिस्ट अक्सर उसी वक्त बिक्री की कॉल देते हैं जब सब कुछ पहले से धराशाई हो चुका होता है और खरीदने को तब कहते हैं जब कल की बात कोई सोच ही नहीं रहा होता। ऐसे माहौल में डर हावी हो जाता है और निवेशक इस तरह लुटते हैं जैसे वे पैदाऔरऔर भी