मार्च 2009 से मार्च 2010 के बीच भारत पर आईएमएफ (अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष) का कर्ज लगभग छह गुना हो गया है। इस दौरान यह 101.8 करोड़ डॉलर से 493.4 फीसदी बढ़कर 604.1 करोड़ डॉलर हो गया है। लेकिन यह भारत के कुल 26145.4 करोड़ डॉलर के विदेशी ऋण का बहुत मामूली हिस्सा है। हमने इस ऋण का सबसे ज्यादा 27.2 फीसदी हिस्सा (7098.6 करोड़ डॉलर) वाणिज्यिक उधार के रूप में ले रखा है। कुल विदेशी कर्ज में अल्पकालिकऔरऔर भी

देश में औद्योगिक उत्पादन की दर लगातार छह महीनों से दहाई अंकों में बनी हुई है। सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार मार्च 2010 में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में 13.5 फीसदी बढ़त दर्ज की गई है। पूरे वित्त वर्ष 2009-10 की बात करें तो आईआईपी की वृद्धि दर 10.4 फीसदी रही है। पिछले वित्त वर्ष 2008-09 में वैश्विक मंदी के कारण यह दर केवल 2.8 फीसदी रह गई थी। हालांकि मार्च की औद्योगिक वृद्धिऔरऔर भी