तन की मुक्ति मन से
तन से मुक्ति तो एक निश्चित विधान के हिसाब से अंततः हर किसी को मिल ही जाती है। लेकिन मरने से पहले तन से मुक्ति मन की मुक्ति के बिना नहीं मिलती। और, मन की मुक्ति के लिए सच्चा ज्ञान जरूरी है जो बड़ी मेहनत से मिलता है।और भीऔर भी
सार्थक काम
विज्ञान का सीधा-सा नियम है कि काम का निर्धारण इससे होता है जो कोई चीज चली कि नहीं। सीढ़ी चढ़कर वहीं उतर आओ तो थक जाने के बावजूद विज्ञान की नज़र में किया गया काम शून्य है। इसलिए सार्थक मेहनत का ही मोल है।और भीऔर भी
सीधी-सी बात
मेहनत के बिना कहीं आसमान से कुछ नहीं टपकता। हां, जानवर या मशीन जैसे काम के दाम कम हैं। पर पढ़-लिखकर इंसानी हुनर के माफिक काम करेंगे तो दाम भी ज्यादा मिलेंगे। सीधी-सी बात है।और भीऔर भी
मेघ से घिरी मेधा
यूं तो हम सभी अंदर से सूरज की तरह तेजस्वी व मेधावी होते हैं। लेकिन बचपन से लेकर बड़े होने तक जमाने से मिले काले मेघ उसे घेर लेते हैं। चाहें तो हम हर मेघ को मेहनत-मशक्कत से काट सकते हैं।और भीऔर भी
ज्ञान का मूल्य
भग्न पृष्ठ कटि ग्रीवा, बद्ध दृष्टिः अधोमुखी। कष्टेन लिखितम् शास्त्रम्, यत्नेन परिपालय। बड़ी मेहनत व कष्ट से हासिल होता है ज्ञान। इसका मूल्य समझना चाहिए। बड़े यत्न से संभालना चाहिए।और भीऔर भी
गान, मान, शान
मेहनत करते समय गान और मेहनत करने के बाद मान मिल जाए तो काम करने का उत्साह चौगुना हो जाता है। फिर तो इंसान शान से श्रम का रस लेता रहता है और उसे इसका फल भी मिलता है।और भीऔर भी