देश की इकलौती लिस्टेड माइक्रो फाइनेंस कंपनी एसकेएस माइक्रोफाइनेंस का शेयर गुरुवार को तीखी गिरावट के साथ 20 फीसदी के निचले सर्किट ब्रेकर तक पहुंच गया। वो 639.45 रुपए की तलहटी बनाने के बाद 640.70 रुपए पर बंद हुआ जो मंगलवार के आखिरी भाव से 19.84 फीसदी नीचे है। यह जबरदस्त गिरावट सबह-सुबह कंपनी की तरफ से जारी बयान के बाद आई कि आंध्र प्रदेश में 15 अक्टूबर को अध्यादेश आने के बाद से 15 नवंबर तकऔरऔर भी

चीजें पल-पल बदलती रहती हैं। शेयर बाजार के ट्रेडरों तक को यह बात ध्यान में रखनी पड़ती है। लेकिन जिन्हें निवेश करना है उनके लिए हमारा बाजार अभी कतई ऐसी दशा में नहीं पहुंचा है कि यहां एक-एक पल या एक-एक दिन का हिसाब रखना पड़े। बेफिक्र रहिए क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था की विकासगाथा अभी कम से कम आजादी की 75वीं सालगिरह साल 2022 तक चलनी है। इस बीच दुनिया की पुरानी स्थापित अर्थव्यवस्थाएं डोलमडोल होती रहेंगी। लेकिनऔरऔर भी

बाजार कैसे और क्यों उठता-गिरता है, इसे परिभाषित करने के लिए आपको हमारी जरूरत नहीं है। यह तो आपको खुद समझना होगा। जहां तक हमारी बात है तो बाजार के 8000 अंक से 21,000 तक पहुंचने के अनुमान में हम एकदम सटीक रहे हैं और आगे आपको कम से कम 42,000 तक ले जाएंगे। हालांकि राकेश झुनझुनवाला ने किसी को बताया है कि बाजार 50,000 अंक तक जाएगा। मजे की बात यह है कि वे यहां बीएसईऔरऔर भी

मैंने कहा था कि बाजार में रौनक बनी रहेगी और अमेरिका को भी अर्थव्यवस्था को आवेग देने का पैकेज जारी रखना प़ड़ेगा। ऐसा ही हुआ और बाजार (बीएसई सेंसेक्स) नई ऊंचाई के पार जाकर खुला। आखिर में सेंसेक्स 427.83 अंकों की बढ़त के साथ 20,893.57 पर बंद हुआ है। यानी 21,000 के ऐतिहासिक स्तर से महज 106.43 अंक के फासले पर। और, मुझे पूरा यकीन है कि कल मुहूर्त ट्रेडिंग में यह स्तर हासिल कर लिया जाएगा।औरऔर भी

पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी ने बीमा कंपनियों के पूंजी बाजार में उतरने की राह खोल दी है। लेकिन उसके बोर्ड ने सोमवार को अपनी बैठक में कुछ ऐसी शर्तें तय कर दीं जिन्हें बीमा कंपनियों को अलग से पूरा करना होगा। साथ ही बोर्ड ने किसी भी आईपीओ (प्रारंभिक पब्लिक ऑफर) में रिटेल निवेशकों के लिए अब तक चली आ रही एक लाख रुपए निवेश की सीमा को बढ़ाकर दो लाख रुपए कर दिया है। इसकेऔरऔर भी

कोल इंडिया का आईपीओ 15.28 गुना सब्सक्राइब हुआ है। उसने भारतीय पूंजी बाजार का नया इतिहास रच दिया है। नया रिकॉर्ड बना दिया है। इश्यू से जुटाए जाने थे करीब 15,500 करोड़ रुपए, लेकिन निवेशकों ने लगा दिए हैं 2.37 लाख करोड़ रुपए। सभी ने इसमें बढ-चढ़कर निवेश किया। क्यूआईबी (क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल खरीदार) का हिस्सा 24.7 गुना तो एचएनआई (हाई नेटवर्थ इंडीविजुअल) का हिस्सा 25.4 गुना सब्सक्राइब हुआ। यहां तक कि रिटेल निवेशकों के लिए रखा गयाऔरऔर भी

रिटेल निवेशक कब तक टेक्निकल एनालिस्टों के चार्टों की धुन पर, सपेरों की बीन पर सांप की तरह नाचते रहेंगे? यह एक बड़ा सवाल है और इसका जवाब रिटेल निवेशक ही दे सकते हैं। अभी तक वे ब्रांड-भक्त बने हुए हैं और अपने ही ब्रोकरों का कहा सुनते हैं। लेकिन इन ब्रोकरों का सरोकार तो अपने धंधे-पानी से ज्यादा और रिटेल निवेशकों की जेब से कम होता है। जैसी कि उम्मीद थी, चार्टवाले राग अलापने लगे किऔरऔर भी

ट्रेडरों के लिए आज का दिन बड़ा दुखदायी रहा। उनमें से ज्यादातर निराशा की गर्त में चले गए। उनकी निराशा की वजह वो खीझ है जो उन्हें विशेषज्ञों की इस राय पर भरोसा करने से हुई है कि निफ्टी अब बेरोकटोक 5800 तक गिरने जा रहा है, जबकि बाजार में ऐसा नहीं हुआ। शुरू में गिरावट आई जरूर। लेकिन बाद में बाजार संभल गया। मैंने तो यहां तक सुना कि टेक्निकल एनालिसिस के एक धुरंधर ने खुदऔरऔर भी

कोल इंडिया के आईपीओ के मूल्य-निर्धारण ने एफआईआई निवेश के जमकर आने का माहौल बना दिया है। इस इश्यू में बाहर से कम से कम 75,000 करोड़ रुपए आने की उम्मीद है। अगर विदेशी निवेशकों को कोल इंडिया के आईपीओ में आवंटन नहीं मिला तो वे इसके शेयर लिस्टिंग होने के बाद बाजार से खरीदेंगे। अगर कोल इंडिया का शेयर लिस्टिंग पर बहुत महंगा हो गया तो बाहर से आया यह धन एनएचपीसी, आरईसी और एनटीपीसी कीऔरऔर भी

सरकार कोल इंडिया में अपनी दस फीसदी हिस्सेदारी बेचकर पूंजी बाजार से लगभग 15,500 करोड़ रुपए जुटाएगी। उसका आईपीओ 18 अक्टूबर को खुलेगा और 21 अक्टूबर तक खुला रहेगा। आईपीओ में मूल्य का दायरा 225 रुपए से 245 रुपए तय किया गया है। केंद्र सरकार इस आईपीओ के जरिए कोल इंडिया के कुल 63.16 करोड़ शेयर बेचेगी। इस तरह मूल्य दायरे के हिसाब से उसे 14,211 करोड़ रुपए से लेकर 15,474 करोड़ रुपए मिल सकते हैं। यहऔरऔर भी