कहा जा रहा है कि एफआईआई दुखी हैं। फंड मैनेजर परेशान हैं। हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। गार (जनरल एंटी एवॉयडेंस रूल) और वोडाफोन जैसे सौदों पर पिछली तारीख से टैक्स लगाने से उनको भ्रमित कर दिया है। इस साल जनवरी से मार्च तक हर महीने भारतीय शेयर बाजार में औसतन तीन अरब अरब डॉलर लगानेवाले एफआईआई ठंडे पड़ने लगे हैं। सेबी के मुताबिक उन्होंने अप्रैल में अभी तक इक्विटी बाजार में 10.69 करोड़ डॉलर काऔरऔर भी

पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी ने तय किया है कि वह शुक्रवार को सेकंडों के भीतर निफ्टी के 5353 से गिरकर 5000 तक पहुंच जाने की जांच करेगी। एनएसई भी सब कुछ ठीक होने के दावा करने के बावजूद शुरुआती जांच शुरू कर चुका है। इससे पहले दीवाली की मुहूर्त ट्रेडिंग पर बीएसई में भी यह करिश्मा हो चुका है। उससे पहले जून 2010 में रिलायंस का शेयर एक दिन 20 फीसदी का धक्का खा चुका है।औरऔर भी

दोपहर साढ़े बारह बजे तक सब ठीक था। बाजार सपाट। न ऊपर, न ज्यादा नीचे। निफ्टी 5336.15 पर था, जबकि निफ्टी फ्यूचर्स 5353.55 के शिखर पर। फिर अचानक जाने क्या हुआ कि 2 बजकर 26 मिनट पर निफ्टी में वोल्यूम एकदम गिरकर गया और निफ्टी फ्यूचर्स सीधे 5000 की खाईं में जा गिरा। स्पॉट बाजार पर भी इसका सीधा असर पड़ा। आखिर ऐसा क्यों और कैसे हुआ? छानबीन जारी है। तमाम डीलरों का कहना है कि ऐसाऔरऔर भी

फिर वही हाल। लेकिन कल का उल्टा। दोपहर तक मामला सुस्त चल रहा था। फिर यूरोपीय बाजार से सकारात्मक रुझान मिला तो हमारा बाजार भी तेजी से बढ़ गया। लगातार चार दिन की बढ़त के बाद सेंसेक्स अब 17503.71 और निफ्टी 5332.40 पर है। सेंसेक्स आज 0.64 फीसदी तो निफ्टी 0.61 फीसदी बढ़ा है। अप्रैल के निफ्टी फ्यूचर्स का आखिरी भाव 5364 रहा है। 5370 से बस छह अंक पीछे। जानकार बताते हैं कि अगर बाजार कोऔरऔर भी

जब बाजार के प्रमुख खिलाड़ी लोकल नहीं, ग्लोबल हों तो देश की जमीन से उठी अच्छी लहरों को बाहर के झोंके उड़ा ले जाते हैं। ब्याज दरों में अप्रत्याशित कटौती से बाजार ऊपर-ऊपर चल रहा था। अमेरिका से भी बाजार के बढ़ने का आधार पीछे था। दस बजे तक निफ्टी 5342 तक चढ़ चुका था। लेकिन सूरज के सिर पर पहुंचते ही यूरोपीय बाजारों के कमजोरी के साथ खुलने के समाचार आ गए तो भारतीय बाजार भीऔरऔर भी

मैंने कहा था कि निफ्टी का 5277 पर बंद होना रुख के पलटने का आगाज करेगा। निफ्टी फ्यूचर्स कल नीचे में 5295 तक चला गया और आज 5232 तक चला गया, जो इसका बंद स्तर भी है। हालांकि आज निफ्टी कैश सेगमेंट में 5382.05 तक ऊंचा जाने के बाद 1.22 फीसदी की गिरावट के साथ 5222.40 पर बंद हुआ। समाजवादी पार्टी को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत मिल चुका है तो कांग्रेस का साथ लेनाऔरऔर भी

एक्जिट पोल बता रहे हैं कि उत्तर प्रदेश चुनाव में बाजी समाजवादी पार्टी के हाथ लगेगी। एशियाई बाजारों में गिरावट दर्ज की गई है। इन दोनों ही घटनाओं का बाजार पर थोड़ा असर हुआ। यूं तो समाजवादी पार्टी ने कहा है कि उसे कांग्रेस के समर्थन की जरूरत नहीं पड़ेगी। लेकिन यह सब राजनीतिक शोशेबाज़ी है। अगर वो 200 सीटों तक नहीं पहुंच पाती तो उसका काम कांग्रेस के बगैर नहीं चल सकता। वैसे भी एक्जिट पोलऔरऔर भी

डेरिवेटिव सौदों के सेटलमेंट का आखिरी दिन होने के बावजूद बाजार ने खुद को टिकाए रखा। इससे साफ तौर पर आखिरी आंधे घंटे में मंदड़ियों और तेजडियों, दोनों के विकेट उखड़ने के हालात बन गए। अचानक तीन बजे बाजार उठने लगा और निफ्टी दिन के सबसे ऊंचे स्तर के 5174.15 तक जा पहुंचा। फिर 10-11 मिनट में ही गिरकर 5148.70 तक आने के बाद फिर उठने लगा और बाजार के बंद होते-होते कल से 0.60 फीसदी कीऔरऔर भी

ज्यादातर रोल्स कल से होना शुरू हो गए हैं। यूं तो रोलओवर का सच बाजार के और बढ़ने की इजाजत नहीं देता। लेकिन बाजार बढ़ा जा रहा है। तमाम कंपनियों के नतीजे मिले-जुले रहे हैं। बहुत से स्टॉक्स दिसंबर तिमाही के खराब नतीजों के बावजूद नहीं गिर रहे हैं। इसका मतलब यही हुआ कि बाजार खुद को जमा रहा है। यह लंबे समय के लिए बड़ा शुभ लक्षण है। रिजर्व बैंक ने उम्मीद के मुताबिक ब्याज दरोंऔरऔर भी

खाद्य मुद्रास्फीति शून्य के करीब पहुंच चुकी है। चीन ब्याज दरों में कटौती के मूड में है। भारत भी ब्याज दरों में कटौती से मुंह नहीं मोड़ सकता। इन सारी बातों से यही लगता है कि बाजार को अब पलटकर बढ़ना चाहिए। सेबी ने माना है कि आईपीओ में धांधली होती है और इनमें निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है। लेकिन तथ्य यह है कि सबसे ज्यादा नुकसान खुद भारत सरकार को हुआ है क्योंकि आईपीओ मेंऔरऔर भी