वोकहार्ट का स्टॉक/शेयर सोमवार, 8 अक्टूबर से बीएसई के मिड कैप सूचकांक से बाहर निकाल दिया जाएगा। इस खबर के आने के बाद यह थोड़ा-सा गिरकर बीएसई (कोड – 532300) में 1277.80 रुपए और एनएसई (कोड – WOCKPHARMA) में 1275.95 रुपए पर बंद हुआ है। लेकिन इससे न तो इस स्टॉक और न ही कंपनी पर कोई फर्क पड़ता है। किसे पता था कि इसी साल 6 जनवरी 2012 को पांच रुपए अंकित मूल्य का जो शेयरऔरऔर भी

वोकहार्ट ने बीते महीने 22 मई को वित्त वर्ष 2011-12 के सालाना और चौथी तिमाही के नतीजे घोषित किए। पता चला कि मार्च तिमाही में उसे जबरदस्त घाटा हुआ है। स्टैंड-एलोन स्तर पर 69 करोड़ रुपए और सब्सिडियरी व सहायक इकाइयों को मिलाकर कंसोलिडेटेड स्तर पर 192 करोड़ रुपए। जबकि, साल भर पहले की मार्च तिमाही में उसे स्टैंड-एलोन रूप से 32 करोड़ रुपए और कंसोलिडेटेड रूप से 162 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हुआ था। यहीऔरऔर भी

संजय लालभाई का समूह कंपनियों के ऐसे नाम रखता है जैसे बेटों का नाम रख रहा हो। अनिल, अतुल, अमोल, अरविंद। जी हां, इस समूह की बहुत पुरानी कंपनी है अरविंद लिमिटेड। किसी नाम की मोहताज नहीं। डेनिम में दबदबा है। जहां ली, रैंगलर, ऐरो व टॉमी हिलफिगर जैसे अंतरराष्ट्रीय ब्रांड भारत में इसी कंपनी के जरिए चलते हैं, वहीं फ्लाइंग मशीन, न्यूपोर्ट, एक्ज़ालिबर और रफ एंड टफ इसके अपने ब्रांड हैं। आपको यह जानकर आश्चर्य होगाऔरऔर भी

देश में सबसे ज्यादा ऋण के बोझ तले दबा राज्य महाराष्ट्र है। रिजर्व बैंक के मुताबिक बीते साल 2010-11 में महाराष्ट्र के ऊपर 2.36 लाख करोड़ रुपए का कर्ज था। इससे ठीक पीछे उत्तर प्रदेश है जिस पर कुल 2.34 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है। फिर क्रम से पश्चिम बंगाल (1.98 लाख करोड़), गुजरात व आंध्र प्रदेश (1.36 लाख करोड़) और तमिलनाडु (1.09 लाख करोड़ रुपए) का नंबर आता है। राज्य के नए बजट अनुमान केऔरऔर भी

स्टर्लिंग बायोटेक दवा उद्योग से जुड़ी कंपनी है। मुख्य रूप से जेलैटिन बनाती है। कंपनी का दावा है कि दुनिया के जेलैटिन बाजार में उसकी 7.5 फीसदी और भारतीय बाजार में 60 फीसदी हिस्सेदारी है। वह मानव कोशिकाओं में बहुतायत से पाया जानेवाला पोषक यौगिक, यूबिक्विनोन या को-एनजाइम क्यू-10 भी बनाती है। वह फरमेंटेशन के जरिए यह उत्पाद बनानेवाली दुनिया की चुनिंदा कंपनियों में शुमार है। गुजरात की कंपनी है। वडोदरा जिले के मासर गांव में उसकाऔरऔर भी

एक तरफ किंगफिशर एयरलाइंस अपना वजूद बचाने के चक्कर में लगी हुई है, सरकार ने उसे कोई भी आर्थिक पैकेज देने से इनकार कर दिया है, उसकी उड़ानें रद्द होने का सिलसिला जारी है, दूसरी तरफ कुछ लोग आम निवेशकों को इसके शेयर खरीदने की सलाह दे रहे हैं। उनका कहना है कि यह स्टॉक जल्दी ही ‘बाउंस-बैक’ करेगा। निवेशकों को ऐसे लोगों की बातों में कतई नहीं आना चाहिए क्योंकि वे लोग वैसे घाघ उस्तादों केऔरऔर भी

सारा खेल गणनाओं और सही समय पर सही सूचनाओं को पकड़ने का है। याद करें 24 जनवरी को हमने कहा था – जागरण में 10% बस 10-15 दिन में। उसके एक दिन पहले 23 जनवरी को जागरण प्रकाशन का शेयर बीएसई में 98.15 रुपए पर बंद हुआ था। हमने कहा था कि यह 110 रुपए को पार कर सकता है। कल, 7 फरवरी को हमारे लिखे को 14 दिन ही पूरे हुए और जागरण का शेयर 114.50औरऔर भी

यहां कुछ भी अकारण नहीं होता। जो कुछ भी होता है, उसके पीछे कोई न कोई कारण जरूर होता है। यह हमारी ही सीमा है कि हम उस कारण को देख नहीं पाते। सुज़लॉन एनर्जी का शेयर बीते साल अप्रैल में 58.45 रुपए पर जाने के बाद गिरना शुरू हुआ तो गिरता ही चला गया। नए साल के पहले कारोबारी दिन 2 जनवरी को यह मुंह के बल 17.25 रुपए तक गिर गया। करीब नौ महीने मेंऔरऔर भी

एनसीएल इंडस्ट्रीज का नाम पहले नागार्जुन सीमेंट लिमिटेड हुआ करता था। पिछले 25 सालों से आंध्र प्रदेश में नागार्जुन ब्रांड का सीमेंट बेचती है। पिछले साल की जून तिमाही में 2.57 करोड़ रुपए का घाटा उठाया था। लेकिन इस साल की जून तिमाही में 16.95 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया है। इस बार उसकी बिक्री भी पूरे 84.08 फीसदी बढ़कर 122.14 करोड़ रुपए हो गई है। लेकिन इन नतीजों का खास असर अभी तक उसके शेयरोंऔरऔर भी

एक रुपए अंकित मूल्य का शेयर। ठीक पिछले बारह महीनों का ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 1.04 रुपए। शेयर चल रहा है 73.35 रुपए पर, यानी 70.53 के पी/ई अनुपात पर। जी हां, आज हम चर्चा करेंगे असाही इंडिया ग्लास की। लेकिन इससे पहले बता दें कि 16 अगस्त को हमने कहा था कि आइनॉक्स लीज़र दो माह में 10-20 फीसदी रिटर्न देगा। तब यह 43 रुपए पर था। कल एक महीना बीतने से पहले ही यह ऊपरऔरऔर भी