भारत ने दुनिया के 79 देशों के साथ दोहरा कराधान बचाव संधि (डीटीएए) कर रखी है। इसमें मॉरीशस व स्विटजरलैंड शामिल हैं। संधि के तहत कंपनी का मूल पता जिस देश का है, वहीं उस पर कैपिटल गेन्स टैक्स लग सकता है। जहां से उसने कमाया है, वहां पर नहीं। हालांकि लाभांश, रॉयल्टी व ब्याज आय पर दोनों ही देशों में टैक्स लगता है। लेकिन टैक्स की दर लाभांश पर 7.5% और ब्याज व रॉयल्टी पर 10%औरऔर भी

इस समय भारतीय शेयर बाजार में कुल 1702 एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशक) और उनसे जुड़े 5382 सब-एकाउंट काम कर रहे हैं। एफआईआई तो अमेरिका से लेकर ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस जैसे तमाम देशों के हैं। लेकिन ज्यादातर सब-एकाउंट मॉरीशस के हैं। म़ॉरीशस का पता रखने से फायदा यह होता है कि उन्हें भारतीय शेयर बाजार से की गई कमाई पर किसी भी सूरत में कोई टैक्स नहीं देना पड़ता। दूसरी तरफ भारतीय निवेशक को एक साल केऔरऔर भी