दुनिया में सबसे तेजी से उभरते पांच देशों – ब्राजील, रूस, भारत, चीन व दक्षिण अफ्रीका (ब्रिक्स) का शिखर सम्मेलन गुरुवार को राजधानी दिल्ली में हो रहा है। दुनिया की 40 फीसदी से ज्यादा आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाले इन देशों के शीर्ष नेता ब्रिक्स की चौथी शिखरवार्ता के लिए जुट रहे हैं। इस बार शिखरवार्ता का केंद्रीय विषय थीम ‘वैश्विक स्थिरता, सुरक्षा और समृद्धि के लिए ब्रिक्स की साझेदारी’ तय किया गया है। चीन के राष्ट्रपतिऔरऔर भी

वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाह को आगाह किया है कि अगर मौजूदा आर्थिक संकट गहराता है तो मुद्रा युद्ध का खतरा पैदा हो सकता है। मुखर्जी ने गुरुवार को वॉशिंगटन में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के मुख्यालय में ब्रिक्स देशों के वित्त मंत्रियों के संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस तरह के मुद्रा युद्ध को आपसी बातचीत से ही टाला जा सकता है न कि प्रतिस्पर्धी अवमूल्यन से। एक सवाल के जवाब में मुखर्जी नेऔरऔर भी

वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी बुधवार 21 सितंबर की सुबह अमेरिका की पांच दिन की यात्रा पर निकल रहे हैं। इस दौरान विदेशी निवेशकों व उद्योगपतियों से बातचीत के अलावा वे विश्व बैंक व अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की सालाना बैठकों में हिस्सा लेंगे। इस दौरान वहां ब्रिक्स देशों (ब्राजील, भारत, चीन, रूस, दक्षिण अफ्रीका) के वित्त मंत्रियों की एक बैठक भी होगी। साथ ही जी-24 की अध्यक्षता भारत को सौंपी जाएगी। वित्त मंत्री शनिवार 25 सितंबर को अमेरिकाऔरऔर भी

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के प्रबंध निदेशक पद के लिए फ्रांस की वित्त मंत्री क्रिस्टिनी लैगार्ड द्वारा दावेदारी पेश किए जाने के बाद भी भारत ने कहा है कि विकासशील देश इस मुद्दे पर अपनी स्थिति मजबूत बनाने का प्रयास कर रहे हैं। जहां यूरोप के ज्यादातर देश लैगार्ड की उम्मीदवारी का समर्थन कर रहे हैं, वहीं विकासशील देश अपने बीच बड़े बाजार के रूप में उभर रहे किसी देश से एक नाम पेश करने के लिएऔरऔर भी

ब्रिक देश (ब्राजील, रूस, भारत, चीन) अब उभरते बाजार नहीं रह गए हैं बल्कि विश्व अर्थव्यवस्था के लिये ‘वृद्धि बाजार’ बन गए हैं। अमेरिकी निवेश बैंक गोल्डमैन शैक्स के चेयरमैन (संपत्ति प्रबंधन) जिम ओ नील ने बीजिंग में यह बात कही है। दस साल पहले जिम ओ नील ने ही इन देशों के लिए उभरता बाजार शब्द का उपयोग किया था। ब्रिक्स शिखर बैठक से पूर्व ओ नील ने चाइना डेली को दिए गए साक्षात्कार में कहा,औरऔर भी

वैश्विक स्तर पर जारी अनिश्चितता से आर्थिक वृद्धि के परंपरागत स्रोतों पर दबाव बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ममनमोहन सिंह ने इस बढ़ते दबाव को लेकर सतर्क करते हुए कहा है कि पांच देशों के संगठन ब्रिक्स को विकास के प्रमुख क्षेत्रों में समन्वय करना जरूरी है और यह सारी दुनिया के लिए लाभकारी होगा। बता दें कि ब्रिक्स देशों में शामिल पांच देश हैं – ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका। इन पांचों देशों की अर्थव्यवस्थाऔरऔर भी