लंदन ओलम्पिक की आयोजन समिति ने ऐलानिया तौर पर कहा है कि डाउ केमिकल्स को अपने प्रायोजक के रूप में हटाने का उसका कोई इरादा नहीं है। बता दें कि डाउ केमिकल्स उस अमेरिकी कंपनी यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन का नया नाम है जिसकी भारतीय इकाई की लापरवाही ने दुनिया में अब तक के सबसे बड़े औद्योगिक हादसे में करीब 27 साल पहले 2-3 दिसंबर 1984 को भोपाल में लगभग 25,000 लोगों की जान ले ली थी औरऔरऔर भी

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से सवाल किया है कि वह 1996 में भोपाल गैस कांड के आरोपियों के खिलाफ आरोपों को हल्का करने के 14 साल बाद अब क्यों अदालत के पास पहुंची है। बुधवार को सुनवाई के दौरान देश के मुख्य न्यायाधीश एस एच कपाडिया के नेतृत्व में पांच न्यायाधीशों की विशेष पीठ ने विलंब पर सवाल किया और सीबीआई से पूछा कि उसने इतने साल में कोई पुनरीक्षा याचिका दायर क्यों नहीं की। सीबीआई कीऔरऔर भी

दो-तीन दिसंबर 1984 की रात को भोपाल में यूनियन कार्बाइड फैक्टरी में जहरीली गैस मिथाइल आइसोसाइनेट के रिसाव के कारण मरे करीब 20,000 लोगों और पीढी दर पीढ़ी विकलांगता झेलते कई लाख लोगों को आखिरकार ‘न्याय’ मिल गया। इसके लिए केशब महिंद्रा समेत आठ लोगों को दोषी ठहरा दिया गया है। इसमें से एक की मौत हो चुकी है। बाकी बचे साल लोगों को दो साल की सजा सुनाई गई है और इन पर एक-एक लाख रुपएऔरऔर भी