किसी शेयर की बुक वैल्यू 17.97 रुपए हो और बाजार में उसका भाव पिछले कई महीनों से 12-14 रुपए चल रहा हो तो समझ में नहीं आता। लेकिन नाकोडा लिमिटेड का हाल ऐसा ही है। ऐसा नहीं कि इसके बारे में किसी को जानकारी न हो और यह कोई गुमनाम कंपनी हो। मीडिया से लेकर इंटरनेट के अलग-अलग फोरम पर इसके बारे में बराबर लिखा जा रहा है। कइयों ने इसे मल्टी बैगर (कई गुना रिटर्न देनेवाला)औरऔर भी

अमेरिकी बाजार के खिलाड़ियों ने आखिरकार स्वीकार कर लिया कि उनके यहां जमकर बिकवाली हो चुकी है और फिलहाल दूर-दूर तक गिरावट के आसार नहीं हैं। कंपनियों के तिमाही नतीजों का ताजा दौर भी बाजार को अच्छा सहयोग देगा। भारतीय बाजार भी खुद को लंबे समय से निफ्टी के 5200 और 5340 अंकों के बीच जमा चुका है। आज भी यह 5340 अंक तक चला गया और बंद हुआ 5300 अंक के एकदम करीब। 5370 अंक परऔरऔर भी

टिनप्लेट कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड (टीसीआईएल) टाटा समूह की कंपनी है। देश में टिन कोटेड व टिन फ्री स्टील शीट की सबसे बड़ी उत्पादक है। घरेलू बाजार में इसकी हिस्सेदारी 35-40 फीसदी है। कंपनी अपना 20-25 फीसदी उत्पादन निर्यात करती है। कोलकाता में इसका मुख्यालय है। फैक्ट्री जमशेदपुर में है। 85 साल पुरानी नामी कंपनी है। कल बीएसई में इसके शेयरों में जबरदस्त कारोबार हुआ 8.35 लाख शेयरों का, जबकि पिछले दो हफ्ते में औसत कारोबार 1.37औरऔर भी

स्टील स्ट्रिप्स इंफ्रास्ट्रक्चर्स पर आज सुबह-सुबह ऊपरी सर्किट ब्रेकर लग गया। कल बीएसई में यह शेयर बंद हुआ था 16.53 रुपए पर। आज जैसे ही बढ़कर 17.35 रुपए पर पहुंचा तो चूंकि यह बढ़त 4.96 फीसदी है, इसलिए फौरन 5 फीसदी का सर्किट ब्रेकर लग गया। इसमें करीब 3000 शेयरों के सौदे हुए। यह कोई करोड़ों-अरबों कमानेवाली कंपनी नहीं है। न ही इसने हाल-फिलहाल कोई करिश्मा दिखाया है। फिर भी इसके शेयरों में यह आग क्यों? असलऔरऔर भी