सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि दिल्ली और मुंबई के हवाई अड्डों को विकसित कर रही निजी क्षेत्र की कंपनियां घरेलू व अंतरराष्ट्रीय यात्रियों से एयरपोर्ट विकास शुल्क (एडीएफ) नहीं वसूल सकतीं। बता दें कि दिल्ली हवाई अड्डे का विकास व प्रबंधन जीएमआर इंफ्रास्ट्रक्चर और मुंबई एयरपोर्ट का विकास व प्रबंधन जीवीके पावर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर द्वारा प्रवर्तित कंपनियों के हवाले कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश सिरियाक जोसेफ और न्यायाधीश ए के पटनायक कीऔरऔर भी

एक महत्वपूर्ण आदेश में बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि केंद्र सरकार किसी भी उत्पाद के निर्यात पर पिछली तिथि से प्रतिबंध नहीं लगा सकती। न्यायालय ने यह फैसला सुनाते हुए एक निजी कंपनी को दूध पाउडर के निर्यात की अनुमति दे दी। हाईकोर्ट ने कहा कि इस तरह के प्रतिबंध संपन्न हो चुके सौदों पर लागू नहीं किए जा सकते, जहां लेटर फ क्रेडिट या साख पत्र प्रतिबंध लगाए जाने से पहले ही जारी हो चुकेऔरऔर भी

सुप्रीम कोर्ट ने पैसा लेकर रातों-रात चंपत हो जाने वाली गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लाखों निवेशकों को बड़ी राहत देते हुए व्यवस्था दी है कि सरकार को इस तरह के धोखाधड़ी करने वाले संगठनों की संपत्ति जब्त करने का अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि इस तरह का कानून संवैधानिक रूप से वैध है और यह भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों या कंपनी कानून के विरूद्ध नहीं है। कोर्टऔरऔर भी

नोबेल पुरस्कार विजेता और बांग्लादेश में गरीबों तक आसान कर्ज पहुंचाने में लगे ग्रामीण बैंक के संस्थापक मुहम्मद यूनुस ने बैक के प्रबंध निदेशक पद से अपनी बख्रास्तगी के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया है। बांग्लादेश के केंद्रीय बैंक – बांग्लादेश बैंक ने बुधवार को युनुस को ग्रामीण बैंक के प्रमुख के पद से हटा दिया। ग्रामीण बैंक के काम काज को लेकर उनका सरकार के साथ विवाद चल रहा था। युसुन के वकील का कहना हैऔरऔर भी

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया है कि विदेशी बैंकों में काला धन जमा करनेवाले लोगों के खिलाफ औपचारिक तौर पर मामला दर्ज किए जाने के बाद वह उन सभी लोगों के नाम सार्वजनिक कर देगी। न्यायमूर्ति बी सुदर्शन रेड्डी की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने पेश होते हुए सॉलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम ने कहा कि सरकार ने विदेशी बैंकों में काला धन जमा करने के आरोपियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिए हैंऔरऔर भी

सुप्रीम कोर्ट ने उड़ीसा सरकार को आदेश दिया है कि वह ब्रिटेन स्थित वेदांता समूह द्वारा पुरी में अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय बनाने के लिए 6000 हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण मामले में यथास्थिति बरकरार रखे। शुक्रवार को इस मामले में विभिन्न पक्षों की याचिकाओं को स्वीकार करते हुए न्यायाधीश डी के जैन और न्यायाधीश एच एल दत्तु की पीठ ने राज्य सरकार को यह आदेश दिया। इससे पहले, शीर्ष अदालत की दो अलग-अलग पीठ ने विभिन्न पक्षों की याचिकाओंऔरऔर भी

विदेशी बैंकों में जमा काले धन पर पूरी जानकारी देने में सरकार की हिकिचाहट पर नाखुशी जताते हुए देश की सर्वोच्च अदालत, सुप्रीम कोर्ट ने दो-टूक अंदाज में कहा है कि भारतीय संपत्ति को विदेश में रखना देश को ‘लूटने’ के बराबर है। पूर्व कानून मंत्री राम जेठमलानी और अन्य कई लोगों की ओर से दायर विदेश में जमा काले धन संबंधी याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को न्यायमूर्ति बी सुदर्शन रेड्डी और न्यायमूर्ति एस एसऔरऔर भी

केंद्रीय वन व पर्यावरण मंत्रालय ने मंगलवार को बॉम्बे हाई कोर्ट को बताया कि वह विवादास्पद लवासा परियोजना पर अपना हलफनामा और अपने आदेश की प्रति अदालत के पास जमा करेगा। इस बीच सूत्रों के अनुसार मंत्रालय लवासा कॉरपोरेशन पर कुछ पेनाल्टी लगाकर लवासा सिटी प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे सकता है। मंगलावर को सुबह मंत्रालय की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल डेरियस खंबाटा ने न्यायमूर्ति वी सी डागा और न्यायमूर्ति राजेश केतकर की खंडपीठ को बतायाऔरऔर भी

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के 11 सरकारी चीनी मिलों के निजाकरण के खिलाफ दायर याचिका को स्वीकार कर लिया। लेकिन साथ ही कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 3 जून को इन 11 चीनी मिलों की नीलामी के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू कर सकती है। लेकिन अंतिम नतीजा इस बात से तय होगा कि खंडपीठ आखिर में क्या फैसला सुनाती है। असल में पत्रकार राजीव कुमार मिश्रा ने चीनी मिलोंऔरऔर भी