देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी, सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) इसे बड़ा हाउसिंग लोन घोटाला मानती है। लेकिन वित्त मंत्रालय कहता है कि बैंकिंग रिश्वतखोरी का यह मामला व्यवस्थागत खतरा नहीं है। देश की सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख भी कहते हैं कि यह बहुत पुरानी समस्या है। इसलिए इसमें कोई ‘सिस्टेमिक रिस्क’ नहीं है। लेकिन यह कहीं से भी सामान्य बात नहीं है कि एलआईसी, एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस और सेंट्रल बैंक ऑफऔरऔर भी

देश में आर्थिक विकास के साथ आर्थिक अपराध भी बढ़ते जा रहे हैं। इसका सबसे बड़ा शिकार बैंकिंग क्षेत्र हुआ है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के मुताबिक 2004-05 में बैंक फ्रॉड के कुल 10,450 मामले दर्ज किए गए थे। चार साल बाद 2008-09 तक इनकी संख्या लगभग 129 फीसदी बढ़कर 23,917 हो गई। 2004-05 में इससे बैंकिंग क्षेत्र को 779 करोड़ की चपत लगी थी, जबकि 2008-09 तक यह नुकसान 142 फीसदी बढ़कर 1883 करोड़ रुपए परऔरऔर भी