ऑडिट क्षेत्र की नियामक संस्था, आईसीएआई (इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया) ने लवलॉक एवं लेवेस के दो चार्टर्ड अकाउन्टेंटों पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया है और करीब 14,000 करोड़ रुपए के सत्यम घोटाले में उनकी भूमिका को देखते हुए दोनों पर पांच-पांच लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। आईसीएआई ने एक बयान में कहा, “आईसीएआई की अनुशासन समिति ने जांच में लवलॉक एवं लेविस के चार्टर्ड अकाउंटेंट पुलावर्ती शिव प्रसाद और चिंतापटला रवींद्रनाथ कोऔरऔर भी

राष्ट्रीय मैन्यूफैक्चरिंग नीति सरकार ने तैयार कर ली है और जल्दी ही इसे केंद्रीय मंत्रिमंडल के सामने मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। केंद्र में वाणिज्य, उद्योग और वस्त्र मंत्रालय का जिम्मा एक साथ संभालने वाले मंत्री आनंद शर्मा ने शुक्रवार को राजधानी में निर्यात पर आयोजित एक सम्मेलन में कहा कि उन्होंने कल (गुरुवार) को ही इस नीति के कैबिनेट नोट पर दस्तखत किए हैं और कुछ ही हफ्तों में भारत की पहली राष्ट्रीय मैन्यूफैक्चरिंग नीतिऔरऔर भी

कंपनी विधेयक, 2009 के संसद के चालू सत्र में पारित होने की संभावना नहीं है। कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय का कहना है कि संसद की अवधि घटा दी गई है, इसलिए इस विधेयक के चालू सत्र में पारित होने की संभावना नहीं है। कंपनी विधेयक, 2009 करीब 50 साल पुराने कंपनी अधिनियम, 1956 की जगह लेगा। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने बजट भाषण में बताया था कि कंपनी विधेयक चालू बजट सत्र में पेश कर दिया जाएगा। कंपनीऔरऔर भी

कंपनी विधेयक, 2009 संसद के चालू बजट सत्र में ही पेश किया जाएगा। यह विधेयक लगभग आधी सदी पुराने कंपनी अधिनियम, 1956 की जगह लेगा। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने सोमवार को वित्त वर्ष 2011-12 का बजट पेश करते हुए यह प्रस्ताव किया। सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज के घोटाले के सामने आने के बाद नया कंपनी विधेयक संसद में पेश किया गया था। नए कंपनी विधेयक में शेयरधारकों के लिए अधिक पारदर्शिता और कड़े कॉरपोरेट गवर्नेंस नियमों काऔरऔर भी

सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज (अभी की महिंद्रा सत्यम) के खातों में 7136 करोड़ रुपए की भयंकर घपलेबाजी जब हुई थी, तब उसके ऑडिट का काम अंतरराष्ट्रीय स्तर की फर्म प्राइस वॉटरहाउस देख रही थी। देश के कॉरपोरेट जगत को हिला देनेवाले इस घोटाले में पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी ने प्राइस वॉटरहाउस के खिलाफ पहला कारण बताओ नोटिस 14 फरवरी 2009 को जारी किया था और मामले की सुनवाई 30 मार्च 2010 को शुरू हुई थी। लेकिन प्राइसऔरऔर भी

सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज के अंतिम कायाकल्प की तैयारी है। अप्रैल 2009 में महिंद्रा समूह ने इसे खरीदने के बाद इसका नाम बदल कर महिंद्रा सत्यम कर दिया था और छह से आठ महीने के भीतर बाकायदा इसका विलय टेक महिंद्रा में कर दिया जाएगा। हालांकि इसकी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन बाजार के सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि 29 सितंबर महिंद्रा सत्यम का निदेशक बोर्ड अपनी बैठक में वित्त वर्ष 2008-09औरऔर भी

हैदराबाद की एक स्थानीय अदालत ने निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (निम्स) अस्पताल से सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज के पूर्व चेयरमैन बी रामलिंगा राजू के स्वास्थ्य के बारे में एक जुलाई को नई रिपोर्ट देने को कहा है। इस बीच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अर्जी दायर कर डाक्टरों की एक स्वतंत्र समिति से राजू के स्वास्थ्य की अलग से जांच कराने का अनुरोध किया है। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने मंगलवार को निम्स के निदेशकऔरऔर भी

सत्यम कंप्यूटर्स के बदनाम घोटाले में आंध्र प्रदेश सरकार की भी भूमिका रही है। यह बात भारतीय महालेखाकार (सीएजी) की ताजा रिपोर्ट में कही गई है। रिपोर्ट राज्य विधानसभा में पेश की जा चुकी है। रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि राज्य सरकार ने कंपनी को विशाखापटनम के नजदीक 42.5 एकड़ जमीन महज 10 लाख रुपए प्रति एकड़ की दर से दी थी। जहां इस जमीन की कीमत 170 करोड़ रुपए बनती है, वहीं सरकार नेऔरऔर भी