फैसला भारत सरकार। देश में सड़क से लेकर संसद तक विरोध। लेकिन अमेरिका में स्वागत। वॉशिंगटन से जारी बयान में आधिकारिक तौर पर दलाली का काम करनेवाली अमेरिका-भारत बिजनेस परिषद ने मल्टी ब्रांड रिटेल में 51 फीसदी एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) और सिंगल ब्रांड रिटेल में एफडीआई की सीमा 51 से बढ़ाकर 100 फीसदी किए जाने का स्वागत किया है। उसने केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा गुरुवार रात को लिए गए इस फैसले को ‘साहसिक’ बताया है और कहाऔरऔर भी

रोजगार के अवसरों की कमी के बीच छात्र समुदाय के लिए थोड़ी सुखद खबर है। अगले दो साल में बैंकिंग, अर्धसैनिक बलों, रेलवे व बीमा आदि क्षेत्रों में कई लाख पदों को भरे जाने की योजना है। इस वर्ष की पहली छमाही के लिए अब तक 50 हजार से अधिक पदों के विज्ञापन निकाले जा चुके हैं। भारतीय स्टेट बैंक ने विभिन्न स्तर पर 6113 पद, इलाहाबाद बैंक ने पीओ के 1500 पद, पंजाब नेशनल बैंक नेऔरऔर भी

भारतीय कॉरपोरेट क्षेत्र जनवरी से मार्च की चालू तिमाही के बिजनेस आउटलुक को लेकर काफी उत्साहित है। लेकिन जहां तक नई नियुक्तियों का सवाल है, वह बहुत संभल कर चलेगा और ज्यादातर एंट्री व जूनियर स्तर की नौकरियों के लिए छोटे शहरों के लोगों को लेना पसंद करेगा। यह निष्कर्ष है रोजगार के अवसरों पर किए गए एक ताजा अध्ययन का। जनवरी-मार्च 2011 के लिए टीमलीज की इम्प्लॉयमेंट आउटलुक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तिमाहीऔरऔर भी

कौशल या स्किल डेवलपमेंट के साथ-साथ इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था के 8.7 फीसदी सालाना की दर से बढ़ने की संभावना है और वर्ष 2020 तक यहां 3.75 करोड़ रोजगार के अवसरों का भी सृजन होगा। कंसल्टेंसी फर्म एक्सेंचर ने दावोस में चल रहे वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम के समारोह में जारी अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत, जर्मनी, अमेरिका और ब्रिटेन जैसी चार प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं का योगदान विश्व अर्थव्यवस्था में करीब 40 फीसदी के बराबरऔरऔर भी

राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन की शुरुआत हो चुकी है। इसके तहत देश भर में व्यापक कार्यक्रम चलाया जा रहा है। हम इसके जरिए साल 2022 तक 50 करोड़ कुशल कामगार तैयार कर लेंगे। इससे जहां उद्योगों की आवश्‍यकता पूरी होगी, वहीं युवाओं में रोजगार पाने की काबिलियत बढ़ेगी। वित्‍त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने बुधवार को विभिन्‍न ट्रेड यूनियन प्रतिनिधियों के साथ बजट-पूर्व बैठक में यह बात कही। यह बजट-पूर्व विचार-विमर्श के लिए हुई तीसरी बैठक थी। प्रथमऔरऔर भी

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने स्वीकार किया है कि देश के कुछ श्रम कानून ऐसे हैं जिन्होंने अपेक्षित नतीजे नहीं दिए हैं। ऐसे कानूनों ने रोजगार के विकास को चोट पहुंचाई है। आज जरूरत है कि हम इन कानूनों की समीक्षा करें। प्रधानमंत्री ने मंगलवार को राजधानी दिल्ली में 43वें भारतीय श्रम सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा, “हमने आजादी के बाद से कई प्रगतिशील श्रम कानून बनाए हैं और उससे पहले भी देशऔरऔर भी

अगले दस सालों में आईटी और बीपीओ उद्योग में प्रत्यक्ष रूप से एक करोड़ लोगों को रोजगार मिलेगा। यह कहना है सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग के शीर्ष संगठन नैस्कॉम (नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विस कंपनीज) के अध्यक्ष सोम मित्तल का। उन्होंने गुरुवार को चेन्नई में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान बताया कि पिछले दस सालो में इस क्षेत्र में प्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त लोगों की संख्या में छह गुना वृद्धि हुई है। 2001 में यह संख्याऔरऔर भी