हरचंद कोशिश है बाजार गिराने की
मैं लगातार इस बात पर कायम हूं कि भारत सचमुच विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के लिए जबरदस्त आकर्षण का स्रोत बना हुआ है। यूरोप के ऋण संकट ने विदेशी पूंजी के प्रवाह को भारत की तरफ मोड़ा है। यह बात पिछले कुछ दिनों में वित्त मंत्रालय के आला अधिकारी भी स्वीकार कर चुके हैं। जिस तरह कल भारतीय रिजर्व बैंक ने इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए विदेशी वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) की शर्तों में ढील दी और गवर्नर डी सुब्बारावऔरऔर भी