हँस के बोला करो, बुलाया करो…
2010-05-23
जो चला गया, उसका गम क्या? वह चाहे हादसा था या प्रकृति का चक्र, हम उसे रोकने की बात तो दूर, छू तक नहीं सकते। इसलिए जिसका जितना साथ है, हंस बोल कर ही बिताना चाहिए ताकि कोई मलाल न रहे।और भीऔर भी
जो चला गया, उसका गम क्या? वह चाहे हादसा था या प्रकृति का चक्र, हम उसे रोकने की बात तो दूर, छू तक नहीं सकते। इसलिए जिसका जितना साथ है, हंस बोल कर ही बिताना चाहिए ताकि कोई मलाल न रहे।और भीऔर भी
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