मर्म जानो, धर्म तो समझो बाज़ार का
यह सच है कि इंसान और समाज, दोनों ही लगातार पूर्णता की तरफ बढ़ते हैं। लेकिन जिस तरह कोई भी इंसान पूर्ण नहीं होता, उसी तरह सामाजिक व्यवस्थाएं भी पूर्ण नहीं होतीं। लोकतंत्र भी पूर्ण नहीं है। मगर अभी तक उससे बेहतर कोई दूसरी व्यवस्था भी नहीं है। यह भी सर्वमान्य सच है कि लोकतंत्र और बाजार में अभिन्न रिश्ता है। लोकतंत्र की तरह बाजार का पूर्ण होना भी महज परिकल्पना है, हकीकत नहीं। लेकिन बाजार सेऔरऔर भी
आइडिया में दम है, पर पूंजी कहां है?
जो भी पैदा हुआ है, वह मरेगा। यह प्रकृति का चक्र है, नियम है। ट्रेन पर सवार हैं तो ट्रेन की होनी से आप भाग नहीं सकते। कूदेंगे तो मिट जाएंगे। यह हर जीवधारी की सीमा है। इसमें जानवर भी हैं, इंसान भी। लेकिन जानवर प्रकृति की शक्तियों के रहमोकरम पर हैं, जबकि इंसान ने इन शक्तियों को अपना सेवक बनाने की चेष्ठा की है। इसमें अभी तक कामयाब हुआ है। आगे भी होता रहेगा। मगर, यहांऔरऔर भी
विज्ञापन और भगवान
भगवान और धर्म के नाम पर खुल्लमखुल्ला लूट सदियों से जारी है। कभी राजा-महाराजा से लेकर पंडित, पादरी और मुल्ला यह काम करते थे। इतने अनुष्ठान कि लोगों का तर्क तेल लेने चला जाए। अब बाजार के जमाने में वही काम विज्ञापन करने लगे हैं।और भीऔर भी
महंगाई बेअसर, अभी से मची धूम राखी की
महंगाई ने आम आदमी की जेब में सुराख कर दी है। तमाम चीजों के साथ भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक ‘रेशम की डोरी’ के दाम भी बढ़ गए हैं। लेकिन राखी के कारोबार पर इसका कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है। रक्षाबंधन अभी करीब तीन हफ्ते दूर है। 13 अगस्त को इस बार पड़ रहा है रक्षाबंधन। लेकिन भाइयों और बहनों के बीच की भौगोलिक दूरियों के चलते देश भर के बाजार अभी से तरह-तरह कीऔरऔर भी
बचत खातों की ब्याज दर भी होगी मुक्त, रिजर्व बैंक ने की पेशकश
देश में बचत खातों के अलावा बैंकों को हर तरह की डिपॉजिट पर ब्याज दर तय करने की छूट को मिले हुए तेरह साल से ज्यादा हो चुके हैं। अब बचत खाते में जमा रकम की ब्याज दर को भी बाजार शक्तियों के हवाले कर देने की तैयारी है। रिजर्व बैंक ने इस विषय में एक बहस-पत्र जारी किया है जिसमें इसके तमाम फायदे-नुकसान गिनाए गए हैं। लेकिन तर्कों का पलड़ा बचत खातों की ब्याज दर कोऔरऔर भी
तीन राज्यों में प्रदूषण घटाने में बाजार का सहारा
अपने उद्योग विरोधी रुख के चलते आलोचनाओं के घेरे में रहने वाले पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने देश के तीन राज्यों में बाजार आधारित उत्सर्जन प्रणाली की प्रायोगिक परियोजना की शुरुआत करते हुए कहा कि सरकार उद्योग जगत के लिए बिना नियामकों के स्व-नियमन की व्यवस्था चाहती है। इस परियोजना में कार्बन क्रेडिट की ट्रेडिंग की व्यवस्था की गई है। रमेश ने राजधानी दिल्ली में गुजरात, महाराष्ट्र और तमिलनाड़ु के लिए इस प्रायोगिक परियोजना की औपचारिक शुरुआतऔरऔर भी
धीरे-धीरे पैर जमा रही है क्लाउड कंप्यूटिंग
दुनिया भर में क्लाउड कंप्यूटिंग प्रणाली धीरे-धीरे पैर जमा रही है और 2014 तक वैश्विक क्लाउड सेवा बाजार बढ़कर 148.8 अरब डॉलर होने का अनुमान है। यह बाजार 2010 में 68.3 अरब डॉलर का रहा है। अनुसंधान फर्म केपीएमजी ने क्लाउड कंप्यूटिंग और कारोबार पर इसके असर के बारे में अपनी रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला है। इसमें कहा गया है कि क्लाउड कंप्यूटिंग कंपनियों को वैश्विक बाजारों में बेहतर प्रतिस्पर्धी स्थिति में लाती है। इसके अनुसारऔरऔर भी
हर मोड़ पर ठग
हमारे जमाने का दस्तूर ही ऐसा है कि एक के नुकसान में दूसरे का फायदा है। हर मोड़ पर ठग लूटने के लिए तैयार बैठे हैं। हमारा बाजार अभी बहुत कच्चा है। इसलिए ज्यादा सच्चा होना अच्छा नहीं।और भीऔर भी