दूरसंचार विभाग (डॉट) से टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन और आइडिया सेलुलर को हिदायत दी है कि अपने मोबाइल पर इंटरनेट का उपयोग करनेवाले कुछ ग्राहकों की जानकारी खुफिया ब्यूरो (आईबी) को उपलब्ध करवाएं। साथ ही ग्राहकों का पूरा पता-ठिकाना भी आईबी को बताएं। डॉट के अधिकारियों ने आइडिया और वोडाफोन से आईबी को जरूरी सूचना यथाशीघ्र उपलब्ध कराने को कहा है। सुरक्षा एजेंसियों ने संबंधित इंटरनेट प्रोटोकॉल (आईपी) एड्रेस देकर वोडाफोन से कुछ मोबाइल नंबरों के बारे मेंऔरऔर भी

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) देश की सबसे बड़ी मोबाइल सेवा कंपनी भारती एयरटेल के खिलाफ विदेशी मुद्रा कानून, फेमा के उल्लंघन की जांच कर रहा है। यह जानकारी वित्त राज्यमत्री नमो नारायण मीणा ने मंगलवार को राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी। उन्होंने बताया कि पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी को भी शिकायतें मिली हैं कि भारती एयरटेल में प्रवर्तक समूह की शेयरधारिता 30 जून 2007 से 30 सितंबर 2008 के बीच 60.91 फीसदी से बढ़ाकर 67.15औरऔर भी

2जी स्पेक्ट्रम आवंटन संबंधी मामले में रुइया की अगुवाई वाले एस्सार समूह के लिए बड़ी राहत की बात है। कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय (एमसीए) ने भी दूरसंचार मंत्रालय के इस निष्कर्ष की पुष्टि कर दी है कि 2जी मोबाइल सेवाओं के लिए लाइसेंस हासिल करते समय एस्सार समूह की लूप टेलिकॉम कंपनी में कोई सीधी हिस्सेदारी नहीं थी। दूरसंचार विभाग (डॉट) के अनुरोध पर इस मामले की विस्तार से जांच के बाद एमसीए ने हाल में अपने निष्कर्षऔरऔर भी

लाइसेंस शर्तों के अनुसार समय पर सेवाएं शुरू नहीं करने वाले ऑपरेटरों का लाइसेंस रद्द करने के मुद्दे पर भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) और दूरसंचार विभाग (डॉट) के बीच विवाद और गहरा गया है। ट्राई ने दूरसंचार विभाग से कहा है कि वह 69 में से सिर्फ 15 लाइसेंस रद्द करने के विचार पर मामला दर मामला कारण बताए। दूरसंचार मंत्रालय से पत्र मिलने की पुष्टि करते हुए ट्राई के चेयरमैन जे एस शर्मा ने कहा,औरऔर भी

लोगों को अनचाही कॉल्स और एसएमएस से मुक्ति पाने में एक साल और लग सकता है। सार्वजनिक क्षेत्र की भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के रुख से तो ऐसा ही लगता है। बीएसएनएल ने कहा है कि उसे आवश्यक मंजूरी मिलने के बाद अपने नेटवर्क के उन्नयन में 10 माह का समय लगेगा। दूरसंचार नियामक संस्था, टीआरएआई (ट्राई) ने टेलीमार्केटिंग कंपनियों के लिए ऐसी नंबर सीरीज जारी करने को कहा है कि जिसे पहचाना जा सके औरऔरऔर भी

एक तरफ देश में मोबाइल सेवाएं बढ़ती जा रही हैं। निजी कंपनियां एक-दूसरे से होड़ लेती हुई देश के दूरदराज के इलाकों तक पहुंच रही हैं। देश में मोबाइलधारकों की संख्या 58.43 करोड़ के पार जा चुकी है। दूसरी तरफ सरकार का दूरसंचार विभाग (डॉट) ग्रामीण इलाकों में दूरसंचार सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए निर्धारित रकम का इस्तेमाल नहीं कर रहा है। देश के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने ग्रामीण इलाकों में इस काम केऔरऔर भी